पिता और पति का परिवार के रक्षा में अहम दायित्व : पाठक

परमार्थ महिमा सत्संग समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा में चौथे दिवस श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मना

भिण्ड, 28 फरवरी। पिता और पति का परिवार के रक्षा की अहम भूमिका होती है, बेटी की रक्षा की जिम्मेदारी पिता की और पत्नी के सम्मान की रक्षा करने का दायित्व उसके पति का है। यह बात कथा व्यास आचार्य पं. सुनील कृष्ण पाठक ने राष्ट्रीय संत पं. कमल किशोर नागर द्वारा प्रेरित परमार्थ महिमा सत्संग समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिवस श्रीराम जन्म एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा प्रसंग में कही। कथा परीक्षत राधा शर्मा हैं।
कथा व्यास आचार्य पं. सुनील कृष्ण पाठक ने संगीतमय भजनों के साथ कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम जब प्रकट हुए तब चारों तरफ खुशियां ही खुशियां थीं। सूर्य कुल में जन्म लेने के कारण सूर्य की गति भी कुछ दिनों के लिए थम गई थी, केवल चंद्रमा दुखी था। लेकिन भगवन श्रीराम ने उसको भी संतुष्ट करते हुए अपने नाम के आगे चंद्र जोड़ा और अगला अवतार चंद्रवंश में लेने का आश्वासन दिया। द्वापर युग में श्रीकृष्ण के रूप चंद्रवंश में अवतरित हुए। उन्होंने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा सुंदर रसमय वर्णन किया। इस अवसर पर कथा में नंदोत्सव कार्यक्रम हुआ, उनके जन्म की खुशी इतनी थी हर व्यक्ति दान में धन संपति लुटा रहा था। लेकिन किसी के पास कुछ नहीं था, दान लेने वाला भी सब कुछ दान में लुटाकर आत्मिक सुख महसूस कर रहा था।

गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग, होली मिलन उत्सव आज

श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण बाल लीला एवं गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग की कथा का वर्णन होगा। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के रास एवं होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा।

22 वर्ष से निरंतर चल रही है भागवत कथा

इस भव्य कथा आयोजन की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका आयोजन प्रति वर्ष मातृशक्ति द्वारा जन सहयोग से कराया जाता है। जिसकी शुरुआत राष्ट्रीय संत पं. कमल किशोर नागर द्वारा प्रेरित परमार्थ महिमा सत्संग समिति की सयोजिका महिमा चौहान की अगुवाई में की जा रही है। जिसकी पारीक्षत स्वेछिक रूप से कोई भी मातृशक्ति को बनने का सौभाग्य मिलता है। लगभग एक दशक से भाजपा नेता प्रमुख समाजसेवी डॉ. तरुण शर्मा द्वारा स्थान तरुण वाटिका आयोजन समिति को बिना किसी लाभ के उपलब्ध कराया जा रहा है, प्रसाद का वितरण भी जन सहयोग से किया जाता है।