यूनियन नेताओं के प्रयास से बीपी फूड्स कंपनी के श्रमिकों को मिला वेतन

भिण्ड, 25 अगस्त। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में संचालित बीपी फूड्स कंपनी में कार्यरत श्रमिकों को ठेकेदार की मनमानी के चलते काफी दिनों से वेतन नहीं मिला। जब यह मामला कर्मचारी यूनियन के नेताओं के संज्ञान में आया तो यूनियन नेता देवेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में कंपनी प्रबंधन को रक्षा बंधन त्योहार पर वेतन देने के लिए दवाब बनाया गया। इस काम में मालनपुर थाना प्रभारी की भी अहम भूमिका रही और कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों का वेतन भुगतान कराया गया।
बीपी फूड्स ग्रुप के एमडी गिर्राज बंसल ने प्रसन्न होकर कुछ समय पहले अपने ड्राइवर पप्पू हर्षाना को अपनी सभी छह यूनिटों में ठेकेदार बना दिया था। उस ठेकेदार ने 11 अगस्त को मलगड़ा यूनिट पर दबंगई दिखाते हुए फायर कर दिए, जिससे बीपी फूड के प्रबंधक ने भयभीत होकर सारी यूनिटों से ठेका 12 अगस्त से हटा दिया। ठेका हटने के कारण 239 श्रमिकों का मालनपुर बीपी फूड्स कारखाने का वेतन लटका हुआ था। ठेकेदार कहता था कि कंपनी देगी, तब ही दे पाऊंगा और कंपनी के जीएम मुकेश पाटीदार का कहना था कि ठेकेदार के खाते में वेतन डालने से वह वेतन लेकर चला गया, इसी वजह से अभी तक वेतन लटका हुआ था। 21 अगस्त को सारे श्रमिक कारखाने के गेट पर इकट्ठे हुए लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। कुछ श्रमिक ऐसे थे, जिनके पास वापस लौटने तक के लिए किराया नहीं था। कुछ श्रमिक निराश और हताश होकर वापस लौट गए लेकिन कुछ घर लौटने के लिए तैयार ही नहीं थे।
तब बचे हुए श्रमिकों ने वरिष्ठ मजदूर नेता देवेन्द्र शर्मा से फोन पर बातचीत की तो वह तत्काल शाम सात बजे कारखाने के गेट पर पहुंचे और प्रबंधक पर दबाव बनाकर परमाल सिंह तोमर के मार्गदर्शन में तथा देवेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में त्यौहार मनवाने के लिए बचे हुए श्रमिकों को एडवांस के तौर पर कुछ राशि वितरित कराई गई और बाकी पेमेंट 24 अगस्त को देने के लिए कहा गया। 23 अगस्त को थाना प्रभारी विनोद सिंह कुशवाह और एसआई अजय सिंह यादव ने ठेकेदार और प्रबंधक को बिठाकर 24 अगस्त को वेतन बांटने के लिए सहमति बनवाई गई। आखिरकार कई दिनों के संघर्ष के बाद पुलिस प्रशासन के देख-रेख में और ठेकेदार और प्रबंधक की मौजूदगी में वेतन बांटने के लिए कारखाने को बाध्य होना पड़ा। इस मौके पर फैक्ट्री श्रमिकों के बीच परमाल सिंह तोमर, देवेन्द्र शर्मा, वीरेन्द्र सिंह कुशवाह, नारायण शर्मा, तुलाराम सर्वा, सुरेन्द्र गर्ग, जानकी बाई आदि श्रमिक नेता मौजूद रहे।