लोग अवैध कॉलोनाइजर से बचें : संजीव नायक

भिण्ड, 01 फरवरी। भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट संजीव नायक ने सार्वजानिक हित में एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि वर्तमान में लोग भूखण्ड क्रय कर अवैध कॉलोनाइजर के बुने जाल में फंस रहे है।
एडवोकेट संजीव नायक ने बताया कि जानकारी के अभाव में कई लोग कॉलोनाइजर्स और भूमाफिया की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि किसी भी जगह पर प्लॉट लेने से पहले कुछ दस्तावेजों की जांच कर ले तो परेशानी से बचा जा सकता है। किसी भी भूमि, भूखण्ड व भवन को खरीदने से पहले उसके हक, स्वामित्व व आधिपत्य के समस्त दस्तावेजों की जांच जरूरी है। इसके लिए भूमि, प्लॉट या भवन की रजिस्ट्री, नामांतरण पंजी, खसरा, भू-राजस्व पुस्तिका, डायवर्सन आदेश, टीएनसी प्रमाण पत्र, नपा नामांतरण पंजी, भवन प्रतिलिपि, करों की रसीदें आदि दस्तावेज जरूर देखें। इन दस्तावेजों के माध्यम से जिला- उपपंजीयक कार्यालय में जाकर उक्त संपत्ति के विक्रय/ बंधक के संबंध में सर्च आवश्यक रूप से करें व उक्त संव्यवहार के संबंध में दैनिक अखबार में एक विज्ञप्ति का प्रकाशन करें, जिससे संपत्ति के संबंध में किसी प्रकार की दावा आपत्ति हो तो पता चल सके। संपत्ति पर आधिपत्य के संबंध में कब्जा संबंधी स्थल पंचनामा, आवश्यक रूप से बनाएं।
एडवोकेट संजीव नायक ने बताया कि दस्तावेज, डायवर्सन आदेश, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आदेश के साथ ही कॉलोनी की प्लानिंग व भूमि या भूखण्ड की चतुर्सीमा की जानकारी होना आवश्यक है। किसी भी कॉलोनी का निर्माण करने के लिए कई अनुमतियों की जरूरत होती है। इसके कई सारे पैरामीटर हैं, लेकिन लालच में कॉलोनाइजर्स इनका पालन नहीं करते। ऐसे में उपभोक्ता कानून में उलझ सकते हैं। कॉलोनी निर्माण के लिए सबसे पहले भूमि का आवासीय डायवर्सन करवाना होता है। भूमि तीन प्रकार की होती है। पहली कृषि, दूसरी आवासीय और तीसरी औद्योगिक। ये जमीनें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में होती है। शहरी श्रेणी में नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत के क्षेत्र की जमीन आती है। डायवर्सन के बाद कॉलोनाइजर्स को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से परमिशन लेना होती है जिसके लिए भूमि की निश्चित मात्रा होना आवश्यक है। टीएनसी से पहले कॉलोनाइजर्स को कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, सड़क, ड्रेनेज और गार्डन आदि बनाना आवश्यक होता है। उक्त बाद रेरा में भी कॉलोनी का पंजीयन होता है।