नाबालिगा से छेडख़ानी करने वाले आरोपी को एक वर्ष का कारावास

सागर, 28 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिगा के साथ छेडख़ानी करने वाले आरोपी भूपेन्द्र रजक को भादंवि 1860 की धारा 354(क)(आई) के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 11 (आईव्ही), सहपठित धारा 12 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री ने पुलिस थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट लेख कराई कि 31 जुलाई 2020 के शाम पांच बजे की बात है, वह किराना दुकान से सामान लेकर आ रही थी तो रास्ते में अभियुक्त भूपेन्द्र रजक उसका पीछा करते हुए दौड़कर आया और बोला रुक जाओ बात करनी है, वह नहीं रुकी और दौड़ लगा दी तो अभियुक्त भूपेन्द्र भी उसके पीछे-पीछे ही आ रहा था, फिर अभियुक्त भूपेन्द्र ने उसे अश्लील इशारे किए। फिर दो अगस्त 2020 के दोपहर करीब तीन बजे वह अपने घर पर थी तो अभियुक्त भूपेन्द्र ने उसे बुलाया और उसके साथ छेडख़ानी करते हुए अश्लील बातें करने लगा, तो वह डर गई और अपनी मम्मी को पूरी बात बताई। उसके बाद उसकी मम्मी व भैया अभियुक्त भूपेन्द्र को समझाने गए तो भूपेन्द्र नही माना और लड़ाई झगड़ा करने लगा। फिर पांच अगस्त 2020 के सुबह करीब 8:30 बजे वह घर के पास ही थी तो अभियुक्त भूपेन्द्र रजक फिर उसे अश्लील इशारे कर रहा था, तो उसने मम्मी व भैया को बताया, भैया समझाने गए तो अभियुक्त भूपेन्द्र नहीं माना। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सिविल लाइन पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354(क)(आई), 354(क), 509 (2 शीर्ष) व पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 11/12 (3 शीर्ष) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।