मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आर्थिक रूप से मजबूत बन रही हैं पिंकी दीदी

सिलाई मशीन से कपड़े सिलकर समूह की समृद्धि की ओर बढ़ते कदम

भिण्ड, 20 जनवरी। सिलाई जीवन की एक बुनियादी जरूरत है, जिस पर शासन द्वारा रोजगार के सृजन के साथ-साथ स्व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना से कई महिलाओं के जीवन में बदलाव आए हैं, जिनमें विकास खण्ड गोहद के मालनपुर की रहने वाली श्रीमती पिंकी भी हैं। वे एक सफल गृहणी के साथ-साथ शनिदेव आजीविका स्वसहायता समूह की अध्यक्ष भी हैं।
श्रीमती पिंकी दीदी ने बताया कि मैं और मेरा परिवार बेहद आर्थिक तंगी से जीवन यापन कर रहा था, घर खर्च चलाने के लिए मजदूरी कार्य करती थी। अस्थाई गतिविधि से जुड़े रहकर परिवार का भरण पोषण करती थी, कभी-कभी तो मजदूरी नहीं मिलने पर खाली हाथ घर आना पड़ता था। एक दिन श्रीमती पिंकी दीदी को आजीविका मिशन के अंतर्गत बन रहे स्व-सहायता समूह के बारे में पता चला, तब उन्होंने आजीविका मिशन कार्यकर्ता से मिलकर समूह के बारे में जानकारी ली और समूह से जुडऩे के फायदे के बारे में जाना और फिर अपने गांव में स्वसहायता समूह बनाने का निर्णय लिया। पिंकी दीदी ने ग्राम मालनपुर में शनिदेव आजीविका स्व-सहायता समूह का गठन किया, इस समूह में 10 सदस्य शामिल हैं, जिनमें पिंकी दीदी द्वारा चार हजार रुपए लेकर पारिवारिक आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति करते हुए ग्राम संगठन सीआईएफ राशि से 80 हजार रुपए लिए जिससे दो अन्य सिलाई मशीन खरीदी जबकि एक मशीन पूर्व से थी। मशीनों द्वारा समूह की अन्य दीदीयों द्वारा सिलाई का कार्य शुरू किया गया। इसके बाद समूह में प्राप्त सीसीएल से एक लाख रुपए बैंक ऋण लेकर दुकान प्रारंभ की और सिलाई का कार्य गतिशील हुआ।
पिंकी दीदी द्वारा समूह से कुल एक लाख 80 हजार रुपए से सिलाई केन्द्र स्थापित कर समूह की पांच दीदीयों को सिलाई कार्य में जोड़ा जिससे समूह की सदस्यों की आजीविका में एवं आय अर्जन में वृद्धि हुई। श्रीमती पिंकी दीदी अपने परिवार के साथ-साथ अपने समूह सदस्यों के परिवार में खुशहाली ला रही हैं। समूह की शुरुआत से लेकर अभी तक कुल लगभग तीन लाख 50 हजार रुपए से अधिक का सिलाई कार्य कर चुकी हैं, जिससे पिंकी दीदी अपनी आमदनी बढ़ाते हुए और अपने समूह सदस्यों की आमदनी में वृद्धि कर रही हैं।