मध्यस्थता न्याय प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग है

एडीआर सेंटर भिण्ड में मध्यस्थता जागरुकता शिविर आयोजित

भिण्ड, 15 जनवरी। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर तथा प्रधान न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के आदेशानुसार एक्शन प्लान ऑन मीडिएशन 2023 के अनुसार शनिवार को एडीआर सेंटर भिण्ड में मध्यस्थता जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य रूप से प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड लखन लाल गर्ग, जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे, अधिवक्तागण एवं पक्षकारगण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश ने मध्यस्थता के लाभ एवं मध्यस्थता की वर्तमान में आवश्यकता विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से परिवारों को टूटने से बचाया जा सकता है तथा पक्षकारों के मध्य सामंजस्य स्थापित कर विवाद का निपटारा किया जा सकता है। वर्तमान समय में मध्यस्थता न्याय प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसकी अनुपस्थिति में विवादों का निपटारा सुलभ और मैत्रीपूर्ण तरीके से हो पाना असंभव है। अत: मध्यस्थता प्रक्रिया को अधिक से अधिक मामलों में अपनाया जाना चाहिए।
इसी क्रम में पैरालीगल वॉलेंटियर्स हेतु प्रशिक्षण सह बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन्हें जनता को कानून के प्रति साक्षर किए जाने हेतु उपयुक्त कानूनों प्रावधानों, नालसा एवं सालसा की योजनाओं, कल्याणकारी सरकारी योजनाओं आदि के संबंध में प्रशिक्षित किया गया। इसके अतिरिक्त सभी पैरालीगल वॉलेंटियर्स को समाज में कानूनी साक्षरता बढ़ाने के साथ-साथ समाज के वंचित वर्ग तक शासन की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाकर, जरूरतमंद व्यक्तियों को उनका लाभ पहुंचाए जाने के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने मूल कर्तव्यों के प्रति छात्र-छात्राओं में जागरुकता बढ़ाने हेतु नेहरू युवा केन्द्र के समन्वय से जन कल्याण युवा मण्डल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके साथ ही युवा मण्डल द्वारा मूल कर्तव्य विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में अव्वल आए तीन छात्रों को प्रशस्ति पत्र, पैन आदि वितरित किए गए।