नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

झाबुआ, 12 जनवरी। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जिला झाबुआ श्री भरत कुमार व्यास के न्यायालय ने चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में नाबालिग पीडि़ता को जबरदस्ती पकड़कर ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी भानु उर्फ भमरिया पुत्र थावरिया भूरिया उम्र 24 वर्ष निवासी ढेकलबडी को धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन विशेष लोक अभियोजक, जिला अभियोजन अधिकारी जिला झाबुआ द्वारा किया गया।
अभियोजन जिला मीडिया प्रभारी/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुश्री सूरज वैरागी ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक अक्टूबर 2021 को 11 वषीर्य पीडि़त फरियादिया दोपहर करीब 12 बजे भल्ला की दुकान से शेम्पू और बिस्कुट लेकर अपने घर वापीस जा रही थी, तभी रास्ते में बोर के पेड़ के पास आरोपी भमरिया उर्फ भानू पुत्र थावरिया भुरिया मिला, वह नाबालिग पीडि़ता को जबरदस्त पकड़कर रूपा भूरिया के कपास के खेत में ले गया एवं उसके साथ दुष्कर्म किया। उक्त बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी पीडि़ता को दी थी। उक्त घटना की जानकारी पीडि़ता ने अपने घर जाकर माता-पिता को बताई। फिर फरियादिया/ पीडि़ता अपने परिवार के साथ थाना झाबुआ में जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पीडि़ता की रिपोर्ट पर से पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना के दौरान आरोपी भमरिया उर्फ भानू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से न्यायालय ने आरोपी को न्याायिक अभिरक्षा में भेजा दिया। अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुकत किया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए उक्त प्रकरण को जिले का चिन्हित एवं जघन्यभ सनसनीखेज घोषित किया गया था। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी भानु उर्फ भमरिया को दोषी पाते हुए धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
न्यायालय ने निर्णय पारित करते समय अपने निर्णय में यह भी लेख किया कि बलात्संग का अपराध एक महिला के शरीर के विरुद्ध होता है, जब यह अपराध होता है तो उसका शरीर मन्दिर की तरह होता है और ऐसे अपराध उसे जीवन के सासों में घुटन कर उसकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाते हैं, प्रतिष्ठा किसी के लिए भी सबसे बहुमूल्य गहना है, जो वह जीवन को धारण करता है, इसे समाप्त करने के लिए किसी को अनमत नहीं किया जा सकता है।