तकनीकी से रूबरू हों किसान : डॉ. शुक्ला

कुलपति डॉ. अरविन्द शुक्ला ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र का निरीक्षण

भिण्ड, 11 जनवरी। खेती बाड़ी में नित रोज नई तकनीकी आ रही हैं। कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि शोध संस्थानों द्वारा नवीनतम तकनीकियों का विकास किया जा रहा है। कृषि तकनीकी का लाभ किसानों तक पहुंचाने में कृषि विज्ञान केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। किसानों को चाहिए कि वह कृषि की नवीनतम तकनीकी से रूबरू हों, जिससे खेती से मुनाफा कमाया जा सके। उक्त विचार राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार शुक्ला ने कृषि विज्ञान केन्द्र लहार के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
कुलपति डॉ. शुक्ला अपने एक दिवसीय दौरे पर कृषि विज्ञान केन्द्र के निरीक्षण और भ्रमण पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों तक तकनीकी पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कृषि विज्ञान केन्द्रों के ऊपर है, इसलिए केन्द्र के वैज्ञानिकों को नवीनतम कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी आदि तकनीकी को किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता है, किसानों तक तकनीकी पहुंचेगी और किसान अपनाएंगे तो निश्चित रूप से किसानों की आय में वृद्धि के साथ उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सकेगा, आज का समय तकनीकी का युग है और तकनीकी के क्षेत्र में कृषि भी पीछे नहीं है।

उन्होंने कहा कि किसान उन्नतशील बीजों, नवीनतम कृषि यंत्रों, ड्रोन तकनीकी, नैनो यूरिया आदि का समावेश अपनी खेती बाड़ी में करते हुए खेती को और अधिक उन्नत एवं लाभप्रद बना सकते हैं, किसानों को चाहिए कि वह नवीनतम तकनीकी का लाभ उठाने के लिए आगे आएं। खेती में जंगली एवं आवारा जानवरों से हो रहे नुकसान की समस्या से बचाव के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि किसान अपने खेतों की मेड़ों पर चारों तरफ करौंदा तथा बांस के सघन वृक्ष लगाकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इससे एक तरफ फसलों के नुकसान से बचाव होगा, वहीं इससे आय का अतिरिक्त स्त्रोत भी खुलेगा।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने केन्द्र के वैज्ञानिकों को केन्द्र के फार्म में मोटे धान की खेती करने, पानी तथा मिट्टी की जांच कराने, फल वृक्षों में बेर तथा आंवला का पौधारोपण कराने, मेड़ों पर करौंदा तथा बांस लगाने के सुझाव देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एसपी सिंह ने उन्हें केन्द्र पर चल रही गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अवधेश सिंह, डॉ. करणवीर सिंह, डॉ. रूपेन्द्र कुमार, डॉ. एनएस भदौरिया, डॉ. बीपीएस रघुवंशी, निशांत प्रभाकर, प्रशांत पाण्डे, अभिषेक राठौर आदि उपस्थित थे।