सेवार्थ पाठशाला ने मोनी बाबा आश्रम पर मनाया विश्व ब्रेल दिवस

ग्वालियर, 04 दिसम्बर। दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि के माध्यम से एक नई दिशा देने वाले लुई ब्रेल जयंती ब्रेल दिवस सारी दुनिया में मनाया जाता है। आज ही के दिन दृष्टि बाधितों के लिए ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल का फ्रांस में जन्म हुआ था। बचपन में एक आंख और उसके बाद दूसरी आंख की रोशनी जाने के बाद तत्कालीन विश्व में दृष्टिबाधितों के लिए उपेक्षा का भाव था। लुई ब्रेल ने छह बिन्दुओं पर आधारित एक ऐसी लिपि का आविष्कार किया, जिसमें दृष्टिबाधितों के जीवन में एक नई ऊर्जा और नवजीवन का संचार हुआ। आज दुनिया के लगभग अधिकांश देशों में इसके माध्यम से भाषा, गणित तथा अन्य विषय का शिक्षण सहज और सुलभ माना जाता है। दृष्टि बाधित समाज के प्रति शेष लोगों का उपेक्षा पूर्ण रवैया बदला है। इनका समाज में समावेशन हो सका है तथा यह राष्ट्र तथा समाज के सशक्त और आत्मनिर्भर नागरिक बन सके हैं। नौकरी, धंधा तथा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में इस लिपि के माध्यम से इस समाज में एक सम्मान जनक स्थान पाने में समर्थ हो गए हैं। वह सारे कार्य जो एक सामान्य नागरिक कर सकता है। दृष्टिबाधित लोग भी इस लिपि के माध्यम से इन सभी कार्यों को करने में समर्थ हो गए हैं।
कार्यक्रम में सक्षम के जिला अध्यक्ष वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील वुचके ने बच्चों और उपस्थित नागरिकों को इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाई। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बच्चों तथा उपस्थित शिक्षकों को आंख स्वस्थ रखने के तरीके तथा प्रतिदिन वेे उपाय इनसे हम आंखों की समस्याओं से बच सकते हैं, उन पर सहज तथा सरल शब्दों में चर्चा की।
माधव अंधा आश्रम के प्राचार्य रामलाल केवट ने ब्रेल स्लेट, ब्रेल कागज, ट्रेलर फ्रेम, स्टाइलस तथा फोल्डिंग स्टिक के माध्यम से ब्रेल लिपि लिखने का तरीका, टेलर फ्रेम के माध्यम से गणित पढऩे के तरीका तथा दृष्टिबाधित के चलन में उत्पन्न होने वाली बाधाएं और उनसे निजात पाने के तरीकों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने सड़क पार करने, बस पर चढऩे, दैनिक जीवन के अन्य कार्यों को करने में, फोल्डिंग स्टिक से किस प्रकार चलते हैं, इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की। बच्चों ने ब्रेल पेपर पर ब्रेल लिपि के माध्यम से एक वाक्य लिखने को कहा। वाक्य था, हमारे गुरु जी बहुत अच्छे हैं। प्रयोग के माध्यम से सभी छात्रों को यह लिखकर दिखाया।
पाठशाला के संरक्षक ओपी दीक्षित ने बताया कि पाठशाला की विभिन्न इकाईयों में नि:शुल्क शिक्षा के साथ-साथ समावेशी शिक्षा, पाठशाला के माध्यम से एवं शासन द्वारा दृष्टिबाधित जनों हेतु किए जा रहे कार्यों की विवेचना की। विदित हो कि विगत दिनों मप्र शासन द्वारा मनाया जा रहे गौरव दिवस के उपलक्ष्य में ओपी दीक्षित को उनके द्वारा समाजसेवा एवं समावेशी शिक्षा एवं कोरोना वायरस में आरंभ की हुई सेवार्थ पाठशाला के कार्य के उपलक्ष्य में गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य सुरेश शर्मा, मेजर मनोज पाण्डे, वरिष्ठ प्रबंधक मोहनलाल, सेवार्थ पाठशाला समूह के कई शिक्षक तथा लगभग 70 बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में दृष्टिबाधित प्राचार्य केवट ने मुंह से शहनाई वादन एवं गजल इत्यादि गाकर बच्चों एवं समाजसेवियों का मनोरंजन भी किया।