दहेज के लिए प्रताडि़त करने वाले पति एवं सास को एक-एक साल की जेल

11 वर्ष बाद महिला को मिला न्याय, 50 से अधिक बार कोर्ट में होना पड़ा उपस्थित
तीन साल 10 महीने तक चलता रहा था फरियादी का प्रतिपरीक्षण

भोपाल, 13 दिसम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्रीमती अंकिता श्रीवास्तव के न्यायालय ने 11 वर्ष पुराने प्रकरण में पीडि़ता को न्याय प्रदान किया। न्यायालय ने पीडि़ता के साथ दहेज को लेकर क्रूरता करने वाले पति अबरार पुत्र अनीस खान उम्र 38 वर्ष एवं सास रामकुमारी उर्फ रेहाना पत्नी अनीस खान उम्र 62 वर्ष निवासी सेंट्रल लाइब्रेरी के पीछे इतवारा रोड भोपाल को धारा 498ए भादंवि में एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। पुराने मामले में अभियोजन की ओर से एडीपीओ मनोज त्रिपाठी ने पूरी परिस्थितियों को समेकित करते हुए फरियादी के 50 से अधिक बार न्यायालय उपस्थित होने तक लगभग चार वर्ष तक उसका क्रॉस एग्जामनेशन चलते रहने के बिंदु को उठाते हुए फरियादी को इंसाफ प्रदान करने की मांग अंतिम तर्क के दौरान रखी थी, जिससे सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध किया।
जनसंपर्क अधिकारी/ एडीपीओ भोपाल मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 24 अक्टूबर 2011 को फरियादी जेबा खान ने महिला थाने में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका विवाह 2008 में आरोपी अबरार के साथ हुआ था, शादी के बाद से ही पति अबरार एवं सास रामकुमारी उर्फ रेहाना कम दहेज को लेकर ताने देने लगे और उसके साथ मारपीट करने लगे। पांच लाख रुपए मायके से लेन के लिए पीडि़ता पर दबाव बनाया जा रहा है, उसने दो बार 50-50 हजार रुपए नगद आरोपियों को दिए भी, लेकिन उसके साथ प्रताडऩा कम नहीं हुई, उसने इसके पूर्व भी रिपोर्ट दर्ज कराई थी, तब आरोपीगण उससे समझौता कर उसे ले गए, लेकिन फिर उसके साथ क्रूरता की जाने लगी है, तब थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था।