माता-पिता द्वारा बताया मार्ग ही सर्वोच्च : ऊषा नगरिया

भाविप का गुरू वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित

भिण्ड, 30 नवम्बर। शिक्षक एक नारियल के समान बाहर से कठोर एवं अंदर से कोमल होता है। जिस प्रकार कुम्हार गीली मिट्टी पर थापी देकर उसे आकार देकर बर्तन बनाता है, उसी प्रकार शिक्षक भी डांट और प्यार दोनों से बच्चे के भविष्य को करता है। एक अनुशासित छात्र को सदैव अपने शिक्षक और माता-पिता के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। यह बात भारत विकास परिषद की वरिष्ठ सदस्य ऊषा नगरिया ने संत विवेकानंद विद्यालय में आयोजित गुरू वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में कही।
शाखा सचिव रत्ना कुशवाह ने परिषद के विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला और सभी से गुरू वंदन छात्र अभिनंदन कार्यक्रम में भागीदारी करने की अपील की। इस अवसर पर अंजू शर्मा ने बच्चों को नैतिक नियमों के पालन की शपथ दिलाई। इसी क्रम में देवकांत बरुआ ने परिषद के पांच सूत्रों की व्याख्या करते हुए उन पर चलने के लिए आव्हान किया। कार्यक्रम में संस्था के आठ उत्कृष्ट छात्रों तनु कुशवाहा, कीर्ति राजावत, अनुष्का श्रीवास, रौनक लोधी, अनुराग श्रीवास, दिव्यांश नरवरिया, विशाल, लवकुश धाकरे को प्रमाणपत्र एवं मैडल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन अंजू मिश्रा ने किया। इस अवसर पर संस्थापक अरुणा पाठक, संगीता कौशल, कैलाश नगरिया, उपेन्द्र मिश्रा, रामसेवक गौर आदि उपस्थित रहे।