अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन पर प्रशासन की कार्रवाई महज दिखावा

अवैध रेत खनन पर चंद पनडुब्बियों पर कार्रवाई कर प्रशासन ने लूटी वाहवाही

भिण्ड, 15 अक्टूबर। अवैध खनन रोकने को लेकर मप्र के मुखिया शिवराज सिंह का दावा खोखला साबित होता नजर आ रहा है, कहने को तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अवैध खनन रोकने और माफियाओं को गड्ढों में गाढऩे जैसे भाषण तो दे दिए, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा। जिससे ऐसा लगे कि प्रदेश सरकार माफियाओं पर शिकंजा कसने में कामयाब हो पाएगी।
सूत्रों की मानें तो जिले में रेत का टेंडर लेकर कार्य कर रही पावरमेक कंपनी की पहुंच इतनी बड़ी है कि अगर कोई अधिकारी अवैध उत्खनन और ओवरलोड परिवहन पर कार्रवाई करने की सोचे भी तो उच्च अधिकारियों तक की कुर्सी डगमगाने लगती है, पावरमेक का खौफ इतना है कि बिना कंपनी की मर्जी के अवैध उत्खनन में लिप्त मशीनों और ओवरलोड रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर रोक लगाना और उन पर कार्रवाई करना मुश्किल ही है।

खाकी खादी दे रहा बढ़ावा

सूत्रों की मानें तो जिले में हो रहे अवैध रेत उत्खनन के इस खेल में पावरमेक जिले के आला अधिकारियों, सफेद पोशधारी बड़े-बड़े नेताओं और सभी पत्रकारों का ठेका लेने वाले कुछ तथाकथित कलमकारों को भी नोटों की दम पर अपने खेल में शामिल कर रखा है। जिले में संचालित रेत खदानों में कुछ कलमकार और सफेदपोश भी हिस्सेदार हैं, अगर कार्रवाई होती है तो उनकी अवैध खदानें बंद न हो जाएं और उससे होने वाली उनकी मोटी कमाई के बंद होने के डर से उक्त नेता और कलमकार अवैध रेत उत्खनन पर चुप्पी साधे हुए हैं।

शिवा व पावरमेक के इशारों पर प्रशासन

अभी हाल ही में एक बैठक के बाद मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रदेश में अवैध खनन और माफियाओं को छोड़ा नहीं जाएगा, उन्हें गड्ढे में गाढ़ दिया जाएगा, लेकिन अगर भिण्ड जिले में अवैध खनन और माफियाओं की बात की जाए तो अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन चरम पर है। प्रशासन भी पावरमेक के इशारों पर काम कर रहा है, पावरमेक के इशारे पर ही सिंध नदी में खुलेआम पनडुब्बियां डालकर अवैध खनन किया जा रहा है और ओवरलोड परिवहन किया जा रहा है।

पनडुब्बियों से निकल रहा रेत

जिलेभर में रेत के अवैध खनन का आलम ये है कि यहां खुलेआम पनडुब्बियों, जेसीबी और पोकलेन मशीनों से सिंध नदी में अवैध खनन करते हुए देखा जा सकता है, सोचने वाली बात ये है कि खुलेआम इस तरह मशीनों से रेत खनन किया जा रहा है और संबंधित थाने को इसकी भनक भी नहीं है या यूं कहा जाए कि ये अवैध खनन पुलिस प्रशासन के इशारों पर ही किया जा रहा है? सिंध के दोनों किनारे पनडुब्बियों से रेत खनन करते देखा जा सकता है, लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उन रास्तों पर अपनी नजर बंद किए निकल जाते हैं।

तनिक कार्रवाई कर लूटी वाहवाही

अवैध रेत खनन पर अगर खनिज विभाग और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई की बात की जाए तो प्रशासन द्वारा कुछ पनडुब्बियों पर कार्रवाई कर अपनी वाहवाही लूटता नजर आ रहा है, विगत दिवस जिले में अवैध खनन कर रहीं पनडुब्बियों की फोटो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग ने संयुक्त कार्रवाई कर ऊमरी और नयागांव थानांतर्गत कुछ पनडुब्बियों को पकड़ कर वाहवाही लूटी। जहां तक जिले में पोकलेन, जेसीबी, पनडुब्बी मशीनों द्वारा अवैध खनन की बात की जाए तो जिलेभर में तकरीबन दो सैकड़ा पनडुब्बी अवैध खनन कर रही हैं। लेकिन प्रशासन कुछ एक पर कार्रवाई कर अपने आप पर स्वयं प्रश्नचिन्ह लगवा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि प्रशासन तो भिण्ड जिले में रेत का काम कर रही पावरमेक कंपनी और कुछ सफेद पोशों के इशारे पर कार्य कर रहा है और उन्हीं के इशारों पर कार्रवाई भी करता है। जबकि मेहगांव, भिण्ड और लहार क्षेत्र में कई जगह अवैध खदानें संचालित हैं, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं? मढ़ौरी निवासी एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसके यहां दबंगों द्वारा पोकलेन मशीन डालकर रेत निकाला जा रहा है, जिस पर पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती है, जब कोई रेत निकालने से रोकने की कोशिश करता है तो पुलिस द्वारा कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है।

थानों के सामने से निकल रहे वाहन

इतना ही नहीं, सिंध नदी में संचालित रेत की अवैध खदानों से ओवरलोड रेत भरकर वाहन पावरमेक कंपनी के नाके सहित लगभग सभी थानों से होकर दिन रात गुजरते हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इन पर कार्रवाई करना तो दूर की बात, कोई उन्हें रोकता भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अगर उन्हें कोई रोक भी लेता है तो उनके आकाओं का फोन आने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है, दिन के उजाले में जब थानों के सामने से ओवलोड वाहन गुजरते हैं तो प्रशासन कुंभकरणी नींद से क्यों नहीं जाग रही है? या इन चंद पनडुब्बियों पर कार्रवाई कर प्रशासन अपने ऊपर लगे अवैध खनन में संलिप्तता के दागों को छुपाना चाहता है?

इनका कहना है-

अगर उत्खनन हो रहा है, उसकी जांच करवाई जाएगी और गलत होने पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर भिण्ड