प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोरमी में मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़, रात्रि में आए मरीज को नहीं मिला उपचार

इलाज न मिलने पर रातभर बुखार में तड़पता रहा मरीज
स्टाफ नर्स ने स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थ डॉक्टर के प्राइवेट क्लीनिक पर दिखाने की दी सलाह

भिण्ड, 17 सितम्बर। मेहगांव ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोरमी में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था लडख़ड़ाती नजर आ रही है। जहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर स्वास्थ्य केन्द्र पर ध्यान न देते हुए क्लिनिक भी चलाते हैं।
जानकारी के अनुसार सत्यप्रकाश शर्मा निवासी ग्राम खड़ीत विगत चार-पांच दिन से बुखार से पीडि़त थे दबा लेने पर भी बुखार से राहत न मिली तथा अचानक 15 सितंबर 2022 को दिन में तीन बजे से तेज बुखार आ गया। रात्रि के आठ बजे तक बुखार से राहत नहीं मिली तथा बुखार के साथ साथ मरीज को उल्टी ओर घबराहट होने पर हालत गंभीर होती जा रही थी, तब भिण्ड जाने के लिए कोई साधन न होने पर 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस को बुलाया, तब कहीं ज्यादा अनुरोध करने पर रात्रि 10 बजे एंबुलेंस आई। तब एम्बुलेंस चालक ने मरीज को भिण्ड ले जाने से मना कर दिया तब मरीज के परिजनों ने नजदीकी प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र अटेर ले, जाने का अनुरोध किया तो मरीज के परिजनों ने गंभीर हालत को देखते हुए अटेर चलने के लिए मरीज को एम्बुलेंस में बैठा दिया। मगर एम्बुलेंस चालक ने अटेर न ले जाते हुए लगभग रात्रि एक बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोरमी के बाहर छोड़कर चला गया, जहां पर गोरमी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक नर्स उपस्थित थी। नर्स के अलावा कोई डॉक्टर नहीं था। जहां पर नर्स ने भी इलाज करने से मना कर दिया और कहा कि यहां पुरुषों का कोई इलाज नहीं होता है तथा मेडिकल ऑफिसर के क्लीनिक पर मरीज को ले जाने के लिए भी कहा। तो परिजन मरीज की गंभीर हालत को देखकर घबरा गए। इस प्रकार उसी रात्रि के समय मरीज के परिजनों ने परेशान हो कर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई तथा प्राईवेट हॉस्पिटल में मरीज को भर्ती कराया, यह जानकारी मरीज के परिजनों ने दी।


इस विषय पर जब एंबुलेंस चालक शैलेन्द्र त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शासन के नियम है कि नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीज को ले जाना है, जब कि ग्राम खड़ीत से अटेर की दूरी बीस किलो मीटर है तथा गोरमी 12 किलो मीटर है, इसलिए नजदीक गोरमी स्वास्थ्य केन्द्र होने पर मरीज को गोरमी ले जाया गया था। तभी मेडिकल ऑफिसर गोरमी डॉ. अवध बिहारी भरद्वाज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 24 घण्टे नहीं चलता है। ओपीडी चलती है, जिसका समय नौ बजे से दो बजे तक है, जो कि पत्रकारों को गुमराह करने के लिए गलत जानकारी दी गई। जबकि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर मेहगांव डॉ. मनीष शर्मा द्वारा ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक बताया गया। इस प्रकार जिम्मेदार मेडिकल ऑफिसर को मालूम ही नहीं है ओपीडी समय, जो कि घोर लापरवाही बरतते हुए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रात्रि में मरीज कब आया मेरी जानकारी में नहीं है, जब पूछा गया कि आप प्राइवेट क्लीनिक भी चलाते हैं, जिस क्लीनिक के लिए मरीज को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोरमी से नर्स ने इशारा किया था। तो मेडिकल ऑफिसर डॉ. अवध बिहारी भरद्वाज ने कहा कि जब कभी एक-दो मरीज देख लेते हैं, इतना कहते हुए प्राइवेट क्लीनिक चलाने से इंकार कर दिया। इस प्रकार मेहगांव ब्लॉक के अंतर्गत व्यवस्था लडख़ड़ाती नजर आ रही है तथा स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह अधिकारी कर्मचारी ग्रामीणों के लिए परेशानी बनी हुई है। अब देखना यह है कि क्या कोई सुधार होगा या नहीं।

इनका कहना है-

ओपीडी का समय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक है, मेडिकल ऑफिसर गोरमी द्वारा जो समय बताया गया है, नौ बजे से दो बजे तक ऐसा अभी कोई आदेश नहीं आया है, अगर कोई इमरजेंसी मरीज आता है तो स्टाफ को देखना चाहिए। अगर एमओ क्लीनिक चलाते हैं तो मेरी जानकारी में नहीं है, इसकी जानकारी लेता हूं।
डॉ. मनीष शर्मा, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, मेहगां