किसान देश की जनता का पेट और सरकार का खजाना दोनों ही भर रहा है : दीक्षित

मप्र किसान सभा द्वारा अटेर में द्वितीय तहसील सम्मेलन आयोजित

भिण्ड, 14 सितम्बर। सरकार किसान हितैषी होने की बातें करती है, लेकिन सबसे ज्यादा करों की मार खेती के संबंधित कृषि यंत्रों, बीजों एवं दवाईयों पर है। ट्रेक्टर पर 28 प्रतिशज जीएसटी, खेत की दवाईयों पर 18 प्रतिशत, कृषि उपकरणों पर 28 प्रतिशत एवं बीजों पर 12 प्रतिशत जीएसटी है, जबकि हीरा पर मात्र 1.5 प्रतिशत जीएसटी है। अब जनता बताए कि सरकार पूंजीपति हितैषी है या किसान हितैषी। किसान अपनी मेहनत से देश की जनता का पेट भी भर रहा है और टैक्स चुका कर सरकार का खजाना भी, इसलिए किसान कर्ज में डूबा हुआ है। यह बात अटेर तहसील के दूसरे तहसील सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में मप्र किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव दीक्षित ने कही।
सम्मेलन स्थल का नाम पूर्व तहसील उपाध्यक्ष पुतोली शाह नगर रखा गया। इतेहार में तहसील सम्मेलन स्वराज पुरोहित की अध्यक्षता में 13 सितंबर को संपन्न हुआ। सम्मेलन में 15 सदस्यीय कमेटी का चुनाव किसानों ने किया गया। जिसमें सर्व सम्मति से स्वराज पुरोहित अध्यक्ष, कृष्णवल्लभ पुरोहित सचिव, गोपी बंसल कोषाध्यक्ष एवं अनिल शर्मा, हवलदार श्रीवास, बैकुंठीबाई, दामोदर शर्मा, नीलकमल शर्मा को उपाध्यक्ष और वरिष्ठ किसान नेता रामलखन दंडौतिया, रामू यादव सहसचिव तथा लवकुश शर्मा, मिथुन जमादार, ओमनारायण शर्मा, सुनील बंसल, राजेश शर्मा, रामनिवास उपाध्याय को सदस्य एवं एक रिक्त पद नियुक्त कर 17 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया।