हिन्दी भाषा से ही बढ़ेगा जग में भारत का सम्मान : राजेन्द्र सिंह

हिन्दी दिवस पर सभी सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालयों में होंगे विविध आयोजन

भोपाल, 13 सितम्बर। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान नई दिल्ली द्वारा मार्गदर्शित विद्या भारती मध्य भारत प्रांत से संबद्ध ग्राम भारती शिक्षा समिति मध्य भारत प्रांत के सभी सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालयों में हिन्दी दिवस पर विविध आयोजन होंगे।


प्रांत प्रचार प्रमुख राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिन्दी भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी को अपनाया और इसे 26 जनवरी 1950 को देश के संविधान द्वारा आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने के विचार को स्वीकृति दी गई। हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने के दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में हजारों विदेशी विद्यार्थी भारत में रहकर हिन्दी सीख रहे हैं। हिन्दी भाषा के बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए ही सन् 2000 से प्रति वर्ष 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। कहा है कि- कोटि-कोटि कण्ठों की भाषा, जन गण की मुखरित अभिलाषा। हिन्दी है पहचान हमारी, हिन्दी हम सबकी परिभाषा।
हिन्दी दिवस पर सभी सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालयों में सुलेख, शुद्ध लेख, श्रुतलेख, निबंध लेखन, वाद-विवाद, कविता, कहानी बोलने की प्रतियोगिता होगी, साथ ही भाषण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हिन्दी भाषा की उन्नति, प्रगति एवं प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों को सम्मानित किया जाएगा।
हम हिन्दी हैं, हिन्दी का हम सबको अभिमान है। सारी भाषाएं प्यारी हैं, पर हिन्दी हमारी जान है। जन में हिन्दी मन में हिन्दी, हिन्दी हो हर ग्राम में। हिन्दी का उपयोग करें हम अपने हर एक काम में। निकट भविष्य में हिन्दी रोजगार की दृष्टि से भारत में सर्वाधिक महत्व की भाषा बनेगी, यह सुनिश्चित है। दुनिया में हिन्दी बोलने/ समझने वालों का स्थान दूसरा है। स्वागत करती हिन्दी सबका, बिखरा कुमकुम रोली। भारत जाई भाषा अपनी, जननी अपनी बोली। जय हिन्द, जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।