शिक्षक समाज का मार्गदर्शक है : राजेन्द्र सिंह

सभी सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालयों में शिक्षकों का होगा सम्मान

भोपाल, 04 सितम्बर। विद्या भारती मध्य भारत प्रांत द्वारा मार्गदर्शित ग्राम भारती शिक्षा समिति मध्य भारत प्रांत से संबद्ध ग्राम भारती शिक्षा समिति द्वारा संचालित प्रांत के सभी सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालयों में शिक्षक दिवस उत्साह पूर्वक मनाया जाएगा।
प्रांतीय कार्यालय अधीक्षक भोपाल एवं प्रांत मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर आयोजित शिक्षक दिवस पर भैया बहिनों द्वारा अपने दीदी, आचार्यों को तिलक लगाकर श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। भारतीय संस्कृति में गुरू शिष्य परम्परा अति प्राचीन है। गुरू कुम्हार शिष कुंभ है, गढि गढि काढै खोट। अंतर हाथ सहार दे, बाहर मारै चोट।
भारत में शिक्षक दिवस महान दार्शनिक एवं विद्वान देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस (पांच सितंबर) के मौके पर मनाया जाता है, उन्होंने 40 वर्षों तक शिक्षक के पद को सुशोभित किया और एक आदर्श शिक्षक कैसा होता है, पूरे देश को बताया। समाज को दिशा देने में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। समाज का पथ प्रदर्शक होता है शिक्षक। गुरु गोविन्द दोनों खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए। शिक्षक अपने जीवन पर्यंत मार्गदर्शक की भूमिका का निर्वहन करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, इसी कारण शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है। दुनियाभर में टीचर्स डे मनाया जाता है। एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, वह स्वयं प्रज्वलित होकर दूसरों को रास्ता दिखाता है। आज भी हमारे गांव नगर के विद्यालयों में अनेक शिक्षक अपने कत्र्तव्य का पालन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से कर रहे हैं, ऐसे राष्ट्रभक्त शिक्षकों के बल पर ही हमारा भारत पुन: विश्चगुरु बनेगा। चंद्रगुप्त निर्माण करे जो शिक्षक ऐसा सर्वज्ञ चाहिए। द्रौणाचार्य की नहीं जरूरत, अब हमको चाणक्य चाहिए। शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।