राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का खुलासा होने पर आरएसएस की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए : डॉ. गोविन्द सिंह

भिण्ड, 03 सितम्बर। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने मुंबई में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे यशवंत शिंदे द्वारा हाल ही में न्यायालय में दिए गए सात पन्नो के हलफनामे में आरएसएस की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के हुए खुलासे पर सवाल उठाते हुए न्यायालय से आग्रह किया है कि इस तरह की गतिविधियों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा को ना सिर्फ जबाव देना चाहिए, बल्कि इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाते हुए इससे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि संघ प्रचारक रहे यशवंत शिंदे ने एक वीडियों जारी कर बड़ा खुलासा किया है, जिसमें वर्ष 2003 में उन्हें पुणे के सिंहगढ़ की तलहटी में एक स्थान पर बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी, वीडियों में शिंदे ने यह दावा भी किया है कि वर्ष 2004 में भाजपा को फायदा पहुंचाने की दृष्टि से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने देशभर में बम धमाकों की साजिश रची थी, इस मामले को लेकर शिंदे गवाह बनने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का एजेंडा क्या है और वह अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए क्या करता है, यह समझ से परे है? उन्होंने कहा कि स्वयं शिंदे द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का दावा किया जा रहा है और वे स्वयं दस मामले में गवाह बनने को तैयार है तो फिर मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
नेता प्रतिपक्ष ने संघ से सवाल किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जिस सामाजिक समरसता की बात करता है, वह यशवंत शिंदे के खुलासे से स्वत: ही स्पष्ट हो जाता है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने एजेंडे के अनुरूप देश को बांटने की राजनीति करता है? भाजपा, विहिप और अनुशांगिक संघ से जुड़े संगठन अपने-अपने स्तर पर संघ के इसी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और राष्ट्र की संपत्ति लगातार संघ के एजेण्डे के अनुसार ही बेची जा रही है, यह देशवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। डॉ. सिंह ने कहा कि शिंदे द्वारा जारी किए गए वीडियों की मैं पुष्टि तो नहीं करता हूं, किन्तु मैं मांग करता हूं कि इस वीडियो की जांच कराई जाए।