सात दिवासिय शिविर में परीक्षा देकर समझा जैन धर्म का सिद्धांत, 181 लोगों ने दी परीक्षा

लोहा मण्डी स्थित दिगंबर जैन लाला गोकुलचंद मन्दिर में हुआ श्रमण संस्कृति शिविर का समापन
15 से 22 मई तक प्रतिदिन बच्चों को ज्ञान, साधना के संस्कार की शिक्षा दे रहे थे

ग्वालियर, 22 मई। श्रमण मुनि पुंगव श्री 108 सुधा सागर महाराज की प्रेरणा आशीर्वाद से श्रमण संस्कृति संस्थान सांगनेर जयपुर एवं श्री दिगंबर जैन मन्दिर लाला गोकुलचंद जैसवाल लोहा मण्डी के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 15 से 22 मई तक सात दिवासिया श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का रविवार को जैन धर्म की परीक्षा के साथ समापन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें शिविर स्थल लाला गोकुलचंद जैन मन्दिर में लिखित परीक्षा में सभी उम्र के 181 बालक, बालिकाओं और महिलाओं ने बड़े उत्साव के साथ लिखित परीक्षा में प्रश्नों के माध्यम से जैन धर्म के सिद्धांतों के प्रति उनके ज्ञान को परीक्षा के माध्यम से परखा गया।


जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि गत सात दिनों से चल रहे शिविर में जैन धर्म तथा संस्कारों की शिक्षा विधिवत पं. प्रतीक जैन अमरकंटक व सचिन शास्त्री बांदकपुर के विद्वानगणों द्वारा परीक्षा में तीन से छह साल तक छोटे-छोटे बच्चों ने मुखिता शब्दों से णमोकार मंत्र, 24 तीर्थंकारों के नाम और चिंह सुनााए। आठ साल से ऊपर के युवा और बालिकाओ ने भाग 1, 2 के प्रश्नों के लिखिता परीक्ष दी। महिला वर्ग तत्वार्थ सूत्र, इष्टोंपदेश, रतनकाण्ड श्रावका चार, द्रव्य संग्रह, छहढाला की परीक्षा उत्सव पूर्वक दी गई।

शिविर के शिक्षाको एवं बच्चों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन आदर्श कलम ने बताया कि दिगंबर जैन लाला गोकुलचंद मन्दिर समिति के अध्यक्ष पदमचंद जैन, महामंत्री देवेन्द्र जैन, मनीष जैन, अभिलाष जैन, आलोक जैन, राजू, राजुल जैन, प्रवीण जैन ने शिविर के समापन पर सात दिवासिया बच्चों को धर्म की शिक्षा देने वाले जैन समाज के शिक्षक विद्वान पं. प्रतीक शास्त्री अमरकंटक, सचिन शास्त्री बांदकपुर, शिविर संयोजक राकेश जैन, मनोरमा जैन, प्रवक्ता सचिन जैन एवं मीडिया आलोक जैन को स्मृति चिन्ह देकर एवं शिविर के 181 बच्चों, बालिका व महिलाओं को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया।