‘नोट फोर सेल’ औषधि बिक्री हेतु रखने वाले को एक वर्ष का कारावास

न्यायालय ने मेडिकल संचालक पर 40 हजार का जुर्माना भी लगाया

भिण्ड, 14 मई। जिला सत्र न्यायाधीश महोदय भिण्ड ने ‘नोट फोर सेल’ की दवाओं को विक्री हेतु दुकान पर रखने वाले आरोपी मेडिकल संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाह को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27घ में एक वर्ष का सश्रम कारावास 20 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 28 में छह माह का सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। ड्रग इंस्पेक्टर के परिवाद पत्र में अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक जेपी दीक्षित ने की।
जिला लोक अभियोजक कार्यालय भिण्ड से जानकारी देते हुए बताया गया है कि भिण्ड के ड्रग तत्कालीन इंस्पेक्टर देशराज सिंह द्वारा 12 जुलाई 2018 को मैसर्स शांति राज मेडिकल स्टोर लहार के यहां मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किए जाने पर मेडिकल स्टोर पर संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाह ने ‘नोट फोर सेल’ की दवाओं का बिक्री हेतु भण्डारण किया हुआ था, जांच के दौरान ‘नोट फोर सेल’ की औषधियों का निरीक्षण किया गया तो काफी मात्रा में यह औषधि पाई गईं। इसके संबंध में मेडिकल संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाहा से पूछा गया कि यह दवा आप मेडिकल स्टोर पर क्यों रखे हुए हो, तो उन्होंने कहा कि यह बिक्री हेतु है, जिस पर से ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह द्वारा उक्त ‘नोट फोर सेल’ औषधि कहां से प्राप्त की, इस संबंध में जानकारी चाही तो मेडिकल संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाह ने कोई जानकारी नहीं दी। जिस पर से मौके पर सारी औषधियां जब्त कर पंचनामा बनाए गए और मेडिकल संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाह एवं गवाह के रूप में उनके पिता फूलसिंह कुशवाह के हस्ताक्षर कराए गए। विधिवत कार्रवाई कर मेडिकल संचालक से उक्त औषधियों को कहां से प्राप्त किया। इस संबंध में नोटिस दिए जाने पर भी उनके द्वारा कोई समुचित जवाब नहीं दिया गया। तत्पश्चात देशराज सिंह का स्थानांतरण होने पर वर्तमान ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. आकांक्षा गरुड़ द्वारा फिर से मेडिकल संचालक को नोटिस देकर उक्त औषधियों के संबंध में जानकारी चाही, किंतु मेडिकल संचालक द्वारा कोई जानकारी न देने पर विधिवत मेडिकल संचालक योगेन्द्र सिंह कुशवाह के विरुद्ध औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18ए सहपठित औषधि नियम 1945 के नियम 65(18) एवं धारा 18-क का उल्लंघन होने पर क्रमश: धारा 27(घ) व 28 के अंतर्गत अभियोजन चलाए जाने की स्वीकृति वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त कर परिवाद पत्र सत्र न्यायाधीश भिण्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें विचारण के दौरान तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर देशराज सिंह एवं वर्तमान ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. आकांक्षा गरुड़ के कथन कराए गए। जिसके आधार पर सत्र न्यायाधीश महोदय द्वारा मेडिकल संचालक आरोपी योगेन्द्र सिंह कुशवाह को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27घ में एक वर्ष का सश्रम कारावास 20 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 28 में छह माह का सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया।