शिवराज सरकार का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा उजागर : रामशेष

कमलनाथ के निकाय चुनाव में 27 प्रतिशत टिकट पिछड़े वर्ग को देने को बताया स्वागत योग्य कदम

भिण्ड, 12 मई। मप्र में ओबीसी वर्ग के आरक्षण के बगैर पंचायत एवं नगरी निकाय के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य की भाजपा सरकार पर ओबीसी के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से भाजपा की शिवराज सरकार का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव रामशेष बघेल ने जारी प्रतिक्रिया में कहा है कि भाजपा की शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि पिछड़े वर्ग के भाइयों बहनों को आरक्षण का किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ मिले। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछड़े वर्ग का आरक्षण समाप्त कराने के लिए भाजपा शुरू से ही तमाम हथकण्डे एवं साजिशें करती रही है। कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जब ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था, तब भाजपा इसमें तरह तरह के अड़ंगेबाजी करती रही।
उन्होंने कहा कि पंचायत एवं नगरी निकाय में शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ देने के पक्ष में नहीं थी, इसीलिए पूर्व में पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचीदगियां डाली गई जिससे कि ओबीसी वर्ग आरक्षण से बाहर हो जाए। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लंबी लड़ाई लड़कर भाजपा के इस षड्यंत्र को विफल किया था। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों में 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग को टिकट देने के फैसलों को स्वागत योग्य बताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से ही शोषित पीडि़त वंचित वर्ग को न्याय देने का काम किया है।