स्व. हरिज्ञान बौहरे मजदूरों के सच्चे मसीहा : नरेन्द्र चौधरी

मई दिवस एवं स्व. बौहरे की 41वी पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित
संसाधनों के अभाव में वीरान हुए गांवों को पुन: आबाद करने ग्रामीणजनों ने लिया संकल्प
शासन-प्रशासन से मदद की लगाई गुहार

भिण्ड, 01 मई। अटेर के पूर्व विधायक स्व. हरिज्ञान सिंह बौहरे की 41वी पुण्यतिथि के मौके पर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस कार्यक्रम उनकी जन्म स्थली ग्राम अहरौली काली (अटेर) स्थित प्राचीन हवेली प्रांगण में आयोजित हुआ। जिसमें भारी तादात में उपस्थित हुए लोगों ने बारी-बारी से स्व. हरिज्ञान सिंह बौहरे के छायाचित्र पर श्रृद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रृद्धांजलि दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता हनुमान मन्दिर के महंत महावीरदास महाराज ने की।
मुख्य अतिथि की आसंदी से ग्राम पंचायत कचनांव कलां के पूर्व सरपंच नरेन्द्र चौधरी ने कहा कि श्रमिक एवं किसान भाई शोषण एवं अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करें तथा अपने हकों की आवाज बुलंद करें। ग्राम नावली वृंदावन से पधारे ओजस्वी वक्ता देवराज यादव ने कहा कि स्व. हरिज्ञान सिंह बौहरे ने जीवन पर्यंत मजदूरों एवं किसानों के हित के लिए संघर्ष किया हम सबको उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके बाद बुजुर्ग किसान रामप्रकाश बौहरे ने स्व. हरिज्ञान सिंह बौहरे के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे देश में सबसे ज्यादा संख्या मजदूरों एवं किसानों की होने के बावजूद उनकी भीषण दुर्दशा है श्रम का सम्मान नहीं है।
कार्यक्रम संयोजक बीके बौहरे ने कहा कि सड़क बिजली पानी जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के अभाव में ग्राम अहरोलीकाली जैसे कई गांवों के वाशिंदे गांव से पलायन कर अन्यत्र जगहों पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, कोरोनाकाल की महामारी में उनका रोजगार व्यवसाय भी खत्म हो गया, ऐसी स्थिति में गांव से विस्थापित हुए लोग पुन: अपने-अपने पुराने निवास स्थानों पर काबिज होकर अपने हकों के लिए मिलकर संघर्ष करें तो यह गांव पुन: विकसित होकर अपने पुराने वैभव को प्राप्त कर सकता है। उपस्थित ग्रामीणजनों ने बीके बौहरे के उक्त प्रस्ताव का ध्वनिमत से समर्थन किया और वीरान हुए गांवों को पुन: आबाद करने एकजुट होने का संकल्प लिया एवं शासन-प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई।
कार्यक्रम के अंत में आशीष बौहरे ने भीषण गर्मी में उपस्थित हुए ग्रामीणजनों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रहलाद व्यास, भगवती प्रसाद बोहरे, कैलाश ओझा, प्रहलाद बोहरे, कप्तान शाक्य, अनिल बौहरे, बनवारी बघेल, शिवचरन बौहरे, राकेश यादव देवाला, शास्तानंद बोहरे, शिवकुमार दीक्षित, श्रीगोविन्द बाल्मीक, हरिओम बोहरे, महेश सोनी, आनंद बोहरे, बलराम बाल्मीक, गजेन्द्र बोहरे, रामनाथ कुशवाहा, तेजकरण बोहरे, बृजकिशोर बोहरे, दीपू बौहरे, रामू बौहरे, विनोद बोहरे, कोमल बाल्मीक, रामकुमार बौहरे, सोनू बोहरे सहित तमाम लोग मौजूद रहे।