तालाबों का जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण कर वाटर लेबल बढ़ाएं : कलेक्टर

मसूरी के दलेला के ताल पर कलेक्टर एसपी सहित समाजसेवियों ने किया श्रमदान

आयोजक डॉ. शैलेन्द्र परिहार ने लोंगों का किया सम्मान

भिण्ड, 01 मई। अटेर क्षेत्र के ग्राम मसूरी स्थित दलेला तालाब के जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण के समाजसेवियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने एकसाथ श्रमदान किया। साथ ही ग्रामीणजनों को पौधारोपण एवं जल संरक्षण के महत्व को समझाते हुए अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
ग्राम मसूरी के दलेला के ताल पर रविवार की सुबह जिलाधीश सतीश कुमार एस, पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान तथा जिला पंचायत सीईओ, मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया एवं नगरपालिका सीएमओ सुरेन्द्र शर्मा के अलावा समाजसेवी बिहारी स्कूल के संचालक राजेश शर्मा, अटेर एसडीओपी दिनेश वैश्य, पावई थाना प्रभारी सुधाकर सिंह तोमर, सरपंच धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया, गांव के वयोवृद्ध रामशरण सिंह भदौरिया तथा कार्यक्रम आयोजक डॉ. शैलेन्द्र परिहार की मौजूदगी में सुबह सात बजे से ही दलेला तालाब पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन पहुंच गए। जिले में तालाबों की खुदाई कर जल को स्टोर कर जमीन की वाटर लेबिल क्षमता बरकरार बनाए रखने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत जिलाधीश व पुलिस कप्तान शैलेन्द्र सिंह चौहान और ग्रामीणजनों ने तालाब की खुदाई की और वहां से निकली मिट्टी को तसलों के माध्यम से किनारे पर पहुंचाया। कलेक्टर सतीश कुमार एस ने श्रमदान करके ग्रामीणों का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर कलेक्टर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने जिस प्रकार से जल संरक्षण के लिए जो मेहनत की है वो काबिले तारीफ है। इस श्रमदान में सबसे बड़ा योगदान जनअभियान परिषद का भी है एनसीसी के छात्रों के साथ संयुक्त रूप से मिलकर डॉ. शैलेन्द्र परिहार के साथ मिलकर इस तालाब का जीर्णोद्धार करके जो एक संदेश दिया है वह बहुत ही सराहनीय है। आप लोगों के इस कार्य को देखकर हर गांव के लोग सींख लें कि हम भी अपने गांवों में बने तालाबों का जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण कर अपने गांव की वाटर लेबिल क्षमता को गर्मी के मौसम में भी बरकरार बनाए रखने के लिए इस प्रकार का कदम उठाएंगे। एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि आज हम सब एक अच्छे कार्य के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे भारत देश में कभी भी पानी की कमी नहीं रही है, यहां नर्मदा, गोदावरी, गंगा, सिंध, चंबल इत्यादि नदियां भरपूर जल भण्डारण के साथ कर बहती है, यह हमारे लिए बड़ी गौरव की बात है। भिण्ड जिले में पानी की उपलब्धता काफी अच्छी है, हमें जो विरासत में मिला है, उसका हमें संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए पेड़ों की छाया हम ले रहे हैं, इसी प्रकार हमारे बनाए गए तालाबों से हुए जल संरक्षण का लाभ हमारे अलावा आगे आने वाली पीढ़ी तक को मिलेगा। इसी प्रकार हमें आज के बारे में नहीं, अपनी आने वाली पीढ़़ी के संरक्षण के बारे में सोचना है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन कोई भी पहल करें वह तभी सार्थक हो सकती है जब सभी लोग उसमें अपनी-अपनी जिम्मेदारी बखूवी से निभाएं। अंत में समाजसेवी डॉ. शैलेन्द्र परिहार ने इस जल संरक्षण कार्यक्रम में हमेशा समाज की सेवा में अग्रणी रहने वाले लोगों का साफा पहनाकर सम्मानित किया।