महिला चिकित्सक को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों पर धारा 306 के तहत मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए : डॉ. गुलाब सिंह

आईएमए की आपात बैठक आयोजित

भिण्ड, 30 मार्च। राजस्थान के दौसा जिले में वरिष्ठ महिला चिकित्सक द्वारा प्रशासन और आम जनता की प्रताडऩा से क्षुब्ध होकर आत्महत्या करना बहुत ही दुखद घटना है। और इस घटना ने सभी डॉक्टरों को हिला कर रख दिया है। आज प्रत्येक चिकित्सक यह सोचने पर मजबूर है कि अपनी संतानों को चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित करें अथवा नहीं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, अगर दौसा प्रशासन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करता है तो आईएमए की तरफ से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मुकद्दमा दर्ज करवाया जाएगा। यह बात आईएमए शाखा भिण्ड के अध्यक्ष डॉ. गुलाब सिंह कही। वे आईएमए भिण्ड द्वारा आयोजित आपात बैठक में सभी चिकित्सकों को संबोधित कर रहे थे।
ज्ञात रहे कि विगत दिवस राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में सिजेरियन मरीज की मृत्यु होने के बाद नेताओं और प्रशासन द्वारा महिला चिकित्सक के विरुद्ध धारा 302 के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया, जिसके बाद महिला चिकित्सक ने आत्महत्या कर ली।
बैठक में मौजूद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने इस घटना को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपने की मांग की। डॉ. रविन्द्र चौधरी ने घटना को लेकर जो एफआईआर राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई उस पर आपत्ति व्यक्त की। डॉ. वीसी जैन व डॉ. आरके मिश्रा ने चिकित्सकों से आव्हान किया कि हम सभी को एकजुट होकर एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। डॉ. प्रतीक मिश्रा ने चिकित्सकों से रैपिड रिस्पांस टीम बनाने की मांग की, जिससे कोई भी घटना होने पर तुरंत चिकित्सकों का सहयोग प्राप्त हो सके, उसके साथ ही सभी चिकित्सकों से आईएमए की सदस्यता लेने का अनुरोध किया।
डॉ. जेएस यादव ने कहा कि डॉ. अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या नहीं की गई, वरन वहां के स्थानीय प्रशासन द्वारा उनका मर्डर किया गया है। डॉ. यशवंत सिंह ने कहा कि हमें ऐसी स्थितियों को कैसे डील किया जाए उसको भी सीखना होगा। डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. सतीश शर्मा, डॉ. सौरभ जैन ने सभी चिकित्सकों को नियमित रूप से बैठक करने के लिए आग्रह किया, ताकि हम अपनी समस्याएं आपस में व्यक्त कर सकें। डॉ. देवेश शर्मा ने एक बृहद सदस्यता अभियान चलाने के लिए जोर दिया और इसमें पूरे जिले के चिकित्सकों को शामिल किया जाए। डॉ. डीके शर्मा ने चिकित्सकों को विभिन्न परिस्थितियों में कैसे डील किया जाए, उसके लिए अधिक से अधिक कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया। आईएमए सचिव डॉ. हिमांशु बंसल ने सुझाव दिया कि आईएमए द्वारा चिकित्सा शिविरों का आयोजन आम जनता के लिए समय समय पर करना चाहिए। अंत में दिवंगत आत्मा को दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।