चांद पूनम का तुम हम सितारे सही, तुम हो बहती नदी हम किनारे सही…

काव्य मंजूषा साहित्य बल्लरी के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी आयोजित

भिण्ड, 02 जुलाई। काव्य मंजूषा साहित्य बल्लरी भिण्ड के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन हाउसिंग कालोनी स्थित डॉ. मुकेश शर्मा के निवास पर किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार भानु श्रीवास्तव एवं संचालन अंजुम मनोहर ने किया।
कार्यक्रम के आरंभ में संतोष अवस्थी अंश की सरस्वती वंदना के बाद डॉ. मुकेश शर्मा ने कभी सजदे कभी गुरूर में रहा, बड़ा नखरा मेरे हुजूर में रहा, दोनों तरफ हुआ है इंतजार बस, इश्क तो तमाम उम्र फिजूल में रहा गजल पढ़ी। चन्द्रशेखर कटारे ने कहा कि गीत क्या बस सहारा लिया, आंख जब भी भरी गा लिया। कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए डॉ. शशिवाला राजपूत ने कहा करो ना करो ना कुछ तो करो ना, भागे ये कोरोना कोई जतन करोना। रामकुमार पांडेय ने कहा कि बोलो प्रेम दिवस पर तुमको कितने गुलाब दूं, क्या खोया क्या पाया हमने सारा हिसाब दूं। अंजुम मनोहर ने कौन गया है किसके आगे, कौन गया है किसके पीछे, जिसको देखो वहीं खड़ा है अपनी आंखें मीचे गीत पढ़ा। संतोष अवस्थी अंश ने चांद पूनम का तुम हम सितारे सही, तुम हो बहती नदी हम किनारे सही। हमको सिकवा नहीं तुम गिला मत करो, हम हमारे सही तुम तुम्हारे सही गीत गाया। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षता कर रहे पत्रकार भानु श्रीवास्तव ने कोरोना काल के सामान्य होने पर भव्य मंचीय कवि सम्मेलन कराने का आश्वासन दिया। अंत में संस्था सचिव डॉ. मुकेश शर्मा ने मासिक काव्य गोष्ठी कराए जाने का सुझाव दिया। शहर के गणमान्य नागरिक प्रदीप त्रिपाठी, अशोक श्रीवास्तव, जयेन्द्र सिंह भदौरिया एवं राकेश शर्मा ने कार्यक्रम में शिरकत की।