भिण्ड विधायक संजीव सिंह ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण में उठाया ग्वालियर-चंबल संभाग में बाजरा खरीद बंद होने का मुद्दा
भिण्ड, 23 दिसम्बर। भिण्ड-मुरैना में बाजरा की खरीद नहीं करने का मुद्दा भिण्ड विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया। उन्होंने कहा कि भिण्ड-मुरैना में समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद नहीं किए जाने से किसान को प्रति क्विंटल 800 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए बाजरा की खरीद कब करेंगे। किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा या नहीं? विधायक के प्रश्न के जवाब में मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि भारत सरकार का दो सदस्यीय दल ग्वालियर-चंबल संभाग में जायजा लेने के लिए भिजवाया गया है। दल की रिपोर्ट के बाद बाजरा खरीद पर निर्णय लिया जाएगा।
भिण्ड-मुरैना में बाजरा की क्वालिटी ठीक नहीं बताकर खरीद बंद की गई है। किसानों से समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद नहीं की जा रही है। ऐसे में बाजार में किसानों से 1200 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बाजरा खरीदा जा रहा है। भिण्ड विधायक संजीव सिंह संजू ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ध्यानाकर्षण के दौरान कहा वर्ष 2020 में सितंबर-अक्टूबर माह में मात्र 12 एमएम बारिश हुई थी, जबकि 2021 सितंबर-अक्टूबर में 271 एमएम बारिश हुई है। बारिश के बाद किसान ने अपना पंजीयन कराया। बताया गया है कि बाजरा खरीद के लिए 38 केन्द्र बढ़ाए गए हैं। बारिश के बाद सर्वे कराया गया। आपदा आई तो सरकार ने उसका मुआवजा भी दिया, जिसका जो नुकसान हुआ दिया गया।
विधायक संजू ने कहा कि अब इस अति बारिश की वजह से बाजरे का कलर प्रभावित हुआ है। आप इस बाजरे को क्यों नहीं खरीद रहे? आप मापदण्ड बता रहे हो। उन्होंने कहा कि बाजरा के लिए भिण्ड में 8908 किसानों ने पंजीयन कराए थे। जिले में 484 किसानों से 22 हजार क्विंटल बाजरा खरीदा गया है, जिसका भुगतान नहीं किया गया है। मुरैना में 39 हजार 102 किसानों ने पंजीयन कराया है। महज 145 किसानों से 937 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया है। किसानों को एक पैसे का भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ।
किसान के खर्च के काम आती है बाजरा की उपज
विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू ने कहा कि हमारे यहां बारिश के बाद जो फसल आती है वह बाजरा है और उसके बाद जो फसल आती है वह गेहूं और सरसों है। बाजरा की फसल किसान खर्चा चलाने और परिवार में शादी ब्याह आदि कार्यक्रम के खर्च में करता है, बाजरा बिकने से उसका खर्च चल जाता है। समर्थन मूल्य पर खरीद बंद होने से किसान बाजार में 1500, 1600, 1700रुपए प्रति क्विंटल बाजरा बेचने को मजबूर है। इससे किसान को 800 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है।
एक माह से सिर्फ पत्रों का हो रहा आदान-प्रदान
विधायक संजीव सिंह ने कहा कि बाजरा की खरीद 21 नवंबर से शुरू की गई, लेकिन केन्द्र सरकार को पत्र 10 दिसंबर को लिखा गया। उन्होंने कहा कि एक माह में सिर्फ पत्रों का आदान-प्रदान चल रहा है। विधायक के प्रश्न के जवाब में मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि बाजरा की फसल का जायजा लेने के लिए भारत सरका से दो दलीय समिति निरीक्षण कर रही है। समिति, जो निर्णय देगी, उसके बाद खरीद की जाएगी। मंत्री के जवाब पर विधायक संजू ने कहा कि 67 फीसद बाजरा जो मानक के मुताबिक है, उसे क्यों नहीं खरीदा जा रहा है। मंत्री ने कहा कि हमने 10 हजार 524 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा है। विधायक ने सदन में कहा अकेले मुरैना में ही 1.50 मीट्रिक टन बाजरे का लक्ष्य है।