रायसेन, 10 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला रायसेन के न्यायालय ने निर्णय पारित करते हुए नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी युनीस खान पुत्र साकिर खान उम्र 18 वर्ष निवासी सतलापुर, जिला रायसेन को दोषी पाते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में राज्य की ओर से अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने पैरवी की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 31 मार्च 2018 को करीब चार बजे पीडि़ता उम्र सात वर्ष घर के सामने खेल रही थी तभी आरोपी ने अभियोक्त्री को टॉफी को प्रलोभन देकर घर बुलाया और टॉफी देकर बालिका के साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ की। पीडि़ता ने पूरी बात अपनी मां को बताई, जिसने यह बात पीडि़ता के पिता को बताई। आरोपी पीडि़ता के साथ दो माह पूर्व भी गलत काम कर चुका था। पीडि़ता के पिता ने थाना सतलापुर में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख करवाई जहां आरोपी के विरुद्ध लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। पीडि़ता तथा आरोपी का मेडिकल परीक्षण किया गया। पीडि़ता एवं साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्टा जिला रायसेन के समक्ष प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात यह प्रकरण न्यायालय लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, जिला रायसेन मे स्थानांतरित किया गया। अभियोजन पक्ष द्वारा की गई पैरवी के दौरान राज्य की ओर से प्रस्तुंत साक्षीगण के कथनों और साक्ष्यों के आधार पर विद्वान न्यायालय ने आरोपी युनीस पुत्र साकिर खान उम्र 18 वर्ष निवासी सतलापुर, जिला रायसेन को दोषी पाते हुए तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए के जुर्माने का दण्डादेश सुनाया है।