शोषित आशा एवं सहयोगिनी कार्यकर्ता आज मनाएंगी काला दिवस

भिण्ड, 09 दिसम्बर। मप्र आशा/ आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस 10 दिसंबर को काला दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
श्रीमती कौरव बने बताया कि वैश्विक महामारी आपदा कोविड-19 से निपटने के लिए सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं देने का कार्य जमीनी स्तर पर एनएचएम के तहत कार्य करने वाली आशा एवं सहयोगिनी कार्यकर्ताओं द्वारा विभाग और सरकार से बिना सुरक्षा संसाधन मिलने के बावजूद भी जान जोखिम में डालते हुए पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से किया गया है। लेकिन मप्र सरकार द्वारा सदैव कार्य की अनदेखी के साथ-साथ आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं का लगातार शोषण किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप सुबह सात बजे से रात्रि 10 बजे तक कार्य लिया जा कर 12 घण्टे से भी अधिक कार्य कराकर जीने के अधिकार से भी वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। संविधान में प्रत्येक नागरिक को समानता का अधिकार दिया गया है एवं मूलभूत सुविधा को प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। लेकिन सरकार और विभाग के इस रवैया से एक मानव को मिलने वाले सभी अधिकार से वंचित करने की साजिश के खिलाफ काला दिवस जाएगा।