पेट्रोल डालकर मृत्यु कारित करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

झाबुआ, 25 अगस्त। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला झाबुआ राजेन्द्र कुमार शर्मा की अदालत ने सिर पर लाठी मारकर पेट्रोल डालकर मृत्यु कारित करने वाले आरोपी करण पुत्र भल्ला मेडा निवासी गडवाडी जिला झाबुआ को दोषी पाते हुए धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास, धारा 201 भादंवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं सात हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन अपर लोक अभियोजक जिला झाबुआ राकेश जोशी ने किया।
जिला मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला झाबुआ सुश्री सूरज वैरागी ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 26 मई 2023 को सुबह 10 बजे ग्राम गडवाडी का पटेल तेरसिंह को उसके गांव के बकरी चराने वाले बच्चों ने बताया कि अपने गांव के खुगीलाल के खेत में बबुल के पास एक जली हुई लाश पडी हुई है, उन्होंने दूर से देखा है। फिर उसने यह बात गांव के सरपंच समरु भुरिया एवं रमेश गुरिया, कांति परमार को बताई। सभी मौके पर आए और देखा कि बबूल के पेड के पास एक अज्ञात व्यक्ति जिसकी आयु 20-25 वर्ष थी का शव पडा हुआ है, जो जला हुआ है। फिर मोबाइल से थाने पर सूचना दी गई। शव के पास गुलाल, अगरबत्ती, सिक्के भी पडे थे। अज्ञात मृतक पुरुष की मृत्यु जलने से होना लग रही थी। जिस पर थाना झाबुआ कोतवाली के निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह गडारिया ने देहात नालसी असल मर्ग पंजीबद्ध किया। मर्ग जांच के दौरान अज्ञात मृतक उम्र करीब 20 से 25 वर्ष के शव का पंचायतनामा लाश कार्रवाई की जाकर मृतक का पीएम करवाया गया। जांच के दौरान साक्षी तेरसिंह, समरू के कथन लेख किए गए। जिला अस्पताल झाबुआ से अज्ञात मृतक की पीएम रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें डॉक्टर ने अज्ञात मृतक की मृत्यु जलने के कारण श्वांस अवरुद्ध होने से होना लेख किया गया है। मर्ग जांच में कथन, गवाह, मौका कार्रवाई एवं पीएम रिपोर्ट से यह पाया गया कि किसी अज्ञात आरोपी द्वारा अज्ञात मृतक पुरूष को जान से मारने की नियत से उसकी मौजूदगी छुपाने के लिए सुनसान जगह में पहाडियों के बीच लाकर उसे जलाकर उसकी हत्या कर देना पाए जाने से अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान मृतक नागदिया की पत्नी गुड्डीबाई द्वारा दिए गए कथनों के आधार पर कि घटना के दिन वह अपने पति के साथ बैठी थी तभी शाम के 5:30 बजे अभियुक्त करण का उसके पति के पास फोन आया था, करण ने बोला था कि उसके पास एक सिक्का है, जिसके संबंध में पूजा पाठ करनी है, इसलिए तुम्हें आना है। खेत पर मिलना है। उसके बाद उसका पति गया था। उसका पति रात भर घर नहीं आया। विवेचना के दौरान करण की कॉल डिटेल निकलवाई गई तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई। मेमोरेण्डम तैयार किए गए। विवेचना के दौरान अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था। विचारण के दौरान न्यायालय में आई साक्ष्य के आधार पर अभियोजक द्वारा यह साबित किया गया कि अभियुक्त ने मृतक की हत्या की है, इस प्रकार अभियोजक ने अपना मामला न्यायालय में साबित किया गया, इस कारण न्यायालय ने संतुष्ट होकर आरोपी को दोषी पाते हुए धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास, धारा 201 भादंवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं सात हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। अपराध की विवेचना सुरेन्द्र सिंह गडारिया ने की।