– बरासों में हुआ गीता स्वाध्याय का आयोजन
भिण्ड, 18 अगस्त। घर-घर गीता का प्रचार हो जन अभियान के अंतर्गत श्रीराम विद्यालय बरासों में गीता स्वाध्याय का आयोजन किया गया। मुख्य यजमान मंटू चौधरी पूर्व सरपंच बरासों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
विश्व गीता प्रतिष्ठान के मीडिया प्रभारी शैलेश सक्सेना ने बताया कि स्वाध्याय पत्र का वाचन जिला संयोजक विष्णु कुमार शर्मा द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता रघुराज दैपुरिया द्वारा गीता की तात्विक व्याख्या की गई। उन्होंने गीता के पांचवें अध्याय के श्लोक की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीकृष्ण अर्जुन से पूर्ण ज्ञान युक्त कर्म करने की बात कहते हैं। उन्होंने बताया कि ज्ञान मुक्ति के लिए पर्याप्त नहीं है, जीवात्मा के स्तर पर मनुष्य को कर्म करना होगा, इसके अलावा भव बंधन से उवरने का कोई अन्य उपाय नहीं है, पूर्ण ज्ञान से युक्त होकर किए गए कर्म वास्तविक ज्ञान को बढाने वाले हैं। जब तक मानव हृदय शुद्ध नहीं होता तब तक सकाम कर्म करना होगा। सन्यास भी तभी पूर्ण माना जाता है, जब यह ज्ञात हो कि संसार की प्रत्येक वस्तु भगवान की है और कोई भी किसी भी वस्तु का स्वामित्व ग्रहण नहीं कर सकता।
मनुष्य को यह समझना चाहिए कि उसका अपना कुछ भी नहीं है प्रत्येक वस्तु भगवान की है और उसका उपयोग उन्हीं के लिए किया किया जाना चाहिए। कृष्ण भक्ति में लीन व्यक्ति को सन्यासी माना जाता है क्योंकि मनुष्य जो कर्म करता है और उसका बिना इच्छा किए वैसा ही फल उसे प्राप्त होता है। ऐसा सन्यासी भगवान की अनोखी प्रेम भक्ति के परायण होकर पूर्ण ज्ञानी होता है क्योंकि वह कृष्ण के साथ अपनी स्वाभाविक स्थिति को जानता है। विद्यालय संचालक रिंकू टीकैत एवं उनके पिता द्वारा गीता की आरती की गई। आभार प्रदर्शन शिक्षक पानसिंह जादौन ने किया। इस अवसर पर राजेन्द्र सिंह भदौरिया, कृष्ण अवतार पाराशर, अंकित बंसल, आनंद त्रिपाठी, सुनील गुप्ता, दुर्गादत्त शर्मा, मंटू चौधरी, संजीव शुक्ला, महिलाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।