सजग प्रहरी की भूमिका निभाएं सभी जिम्मेदार नागरिक: कलेक्टर चौहान

* आपदा आने पर बरती जाने वाली सावधानियां और लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने की बारीकियां समझा
* नागरिक सुरक्षा को लेकर जनप्रतिनिधिगण, जिला स्तरीय अधिकारी, एसडीएम व नगर निगम के अधिकारियों को दिया गया वृहद प्रशिक्षण

ग्वालियर, 12 मई। आपात आपदा की स्थिति में कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी हैं, सायरन बजने पर क्या करना है, मौके पर उपलब्ध संसाधनों से घायलों की कैसे मदद करनी है, रासायनिक व जैविक हमलों से कैसे बचना है। आपात स्थिति निर्मित होने पर अपनाई जाने वाली सावधानियां एवं जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने से संबंधित तमाम बारीकियां सिखाई गईं। यहां बात हो रही है जिला प्रशासन की पहल पर नागरिक सुरक्षा को लेकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगडी सभागार में आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम की।
कलेक्टर रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह व नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय की मौजूदगी में आयोजित हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसडीआरएफ की टीम ने जीवंत प्रदर्शन कर आपदा के समय लोगों को बचाने के उपाय समझाए। साथ ही वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से नागरिक सुरक्षा व सावधानियों से संबंधित जानकारी दी गई। रासायनिक व जैविक हमलों से बचाव पर प्रजेंटेशन भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिया गया। नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम में विधायक साहब सिंह गुर्जर तथा विनोद शर्मा व विजय जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शांति समिति के सदस्यगण, अपर जिला दण्डाधिकारी टीएन सिंह विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व जिले के एसडीएम एवं नगर निगम के अधिकारी- कर्मचारियों ने नागरिक सुरक्षा से संबंधित बारीकियां सीखीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन एसबी ओझा ने किया।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस अवसर पर आह्वान किया कि हम सब संयमित पर सतर्क रहकर सजग प्रहरी की भूमिका निभाएं, जिससे आपात स्थिति आने पर हम अपने शहर, प्रदेश व देश की सुरक्षा व मजबूती में योगदान दे सकें। उन्होंने जानकारी दी कि जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम ने मिलकर आपात स्थिति के मद्देनजर व्यापक तैयारियां की हैं। वायुसेना के साथ तत्काल कम्युनिकेशन चैनल तैयार किया गया है। आपात स्थिति में आवश्यकता पडने पर लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिए शहर को चार हिस्सों में बांटकर बारीकी से अस्पतालों एवं वहां उपलब्ध संसाधनों की बारीकी से मैपिंग कर ली गई है। इसी तरह जरूरत पडने पर लोगों को आश्रय स्थल (शेल्टर) भी चिन्हित कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में सफलतापूर्वक मॉकड्रिल का आयोजन किया गया।
कलेक्टर चौहान ने प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी कि संपूर्ण शहर में जरूरत पडने पर सायरन के माध्यम से लोगों को सतर्क व सचेत किया जा सके, इसके लिए सभी वार्डों में स्थल चिन्हित कर फिलहाल लाउड स्पीकर के माध्यम से सायरन बजाने की व्यवस्था कर ली गई है। बहुत से अस्पतालों व पेट्रोल पंप संचालकों ने भी अपने यहां सायरन लगा लिए हैं। उन्होंने कहा कि शहर की हर कॉलोनी व बसाहट में लोगों को सतर्क करने के लिए ब्लैकआउट वार्डन भी नियुक्त किए जा रहे हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में सायरन बजने पर घरों की लाइट बंद करने इत्यादि के लिए लोगों को सतर्क करने में मदद करेंगे। इसी तरह शासन के निर्देशों के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को सिविल डिफेंस वॉलेंटियर बनाया जाएगा। इसमें खासतौर पर एनसीसी, स्काउट, गाइड, सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन सभी को एसडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
आंतरिक सुरक्षा की मजबूती में सिविल सोसाइटी का योगदान जरूरी : एसएसपी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा की मजबूती में सिविल सोसाइटी की जागरुकता व योगदान जरूरी है। आंतरिक सुरक्षा की मजबूती देश की सीमा पर तैनात जवानों का मनोबल बढाती है। इसलिए सिविल सोसायटी नागरिक सुरक्षा में सहयोग के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि यदि कहीं आंतरिक सुरक्षा को क्षति पहुंचाने के लिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियां दिखाई दें तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस व जिला प्रशासन को दी जाए।
आपदा मित्र बनकर घायलों की मदद करने के तरीके बताए
एसडीआरएफ के जवानों ने नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण के दौरान स्ट्रेचर बनाने, घायलों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने के विभिन्न तरीके एवं प्राथमिक चिकित्सा देने की विधियों का व्यवहारिक व जीवंत प्रदर्शन करके दिखाया। एसडीआरएफ के जवानों ने कहा कि आम नागरिक भी इन विधियों को अपनाकर आपदा मित्र की भूमिका निभा सकते हैं। आपदा के समय सीपीआर देकर लोगों का जीवन बचाने की बारीकियां भी उन्होंने प्रभावी ढंग से समझाईं। साथ ही बताया कि आपदा की स्थिति में दीवारों के किनारे, टेबल इत्यादि के नीचे सहारा लें। यदि सडक से जा रहे हों तो पुलों इत्यादि के नीचे वाहन रोककर खडे हो जाएं।
रासायनिक हमले पर मुंह पर गीला कपडा बांधें और हवा की विपरीत दिशा से निकलें
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कहीं रासायनिक एवं जैविक हमला हुआ हो तो मुंह पर गीला रूमाल या कपडा बांधकर हवा के विपरीत दिशा से निकलना चाहिए। इसके बाद सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर साबुन लगाकर अच्छी तरह मुंह-हाथ धोकर नहा लेना चाहिए। मुल्तानी मिट्टी व राख से हाथ व शरीर की सफाई भी अत्यंत कारगर रहती है।
ब्लैक आउट का सायरन बजने पर घरों की बत्तियां बंद कर पर्दे डाल दें
प्रशिक्षण के दौरान खासतौर पर बताया गया कि ब्लैक आउट का सायरन बजते ही घरों की बत्तियां बंद कर दें। साथ ही दरवाजों व खिडकियों के पर्दे डाल दें। प्रयास ऐसे हों कि जरा सी भी रोशनी घर के बाहर नहीं दिखनी चाहिए।
जिले में ड्रोन उडाने पर प्रतिबंध
कलेक्टर एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी कि जिले में वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखकर राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत ड्रोन उडाने पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। इसलिए कोई भी ड्रोन न उडाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। विशेष परिस्थिति में पुलिस के माध्यम से विधिवत अनुमति लेनी होगी। बगैर अनुमति के कदापि ड्रोन नहीं उडाए जा सकेंगे।