ग्वालियर, 12 मई। जीडीए, स्मार्ट सिटी व साडा के वरिष्ठ लेखाधिकारी (एओ) रहे एनके शर्मा को अब बढते दबाब व भारी शिकायतों के चलते अंतत: साडा ने भी रिलीव कर दिया हैं। लेकिन एओ एनके शर्मा ने अभी तक साडा की 9 महत्वपूर्ण फाइलें साडा में जमा ही नहीं की है, जिस कारण साडा ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण जीडीए को पत्र लिखा है कि एनके शर्मा का एलपीसी जारी नहीं किया जाए। इधर इस मामले में साडा के सीईओ प्रतुल्ल सिन्हा ने कहा है कि वह इस मामले में कार्रवाई कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर विकास प्राधिकरण में एओ रहे एनके शर्मा का महिलाओं से अभद्रता व उत्पीडन की लगातार शिकायतों के बाद राज्य शासन ने स्थानांतरण कर दिया था, इस स्थानांतरण के बाद भी वह सेटिंग बिठाकर जीडीए, स्मार्ट सिटी व साडा से रिलीव नहीं होना चाहते थे। लेकिन शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के कारण एनके शर्मा के प्रयास नाकाम रहे। पहले जीडीए व फिर स्मार्ट सिटी ने उन्हें रिलीव कर दिया था। फिर भी वह साडा में रूकने की कोशिश में लगे थे। अब साडा चेयरमैन व संभाग आयुक्त मनोज खत्री व साडा सीईओ प्रतुल्ल सिन्हा ने उनकी शिकायतें व गडबडझाले को देखते हुए उन्हें शुक्रवार को देर सायं रिलीव कर दिया। अब एनके शर्मा को दतिया में मंगलवार को ज्वाइन करना हैं।
साडा की फाइलें ले गए शर्मा
इधर साडा में एओ रहे एनके शर्मा ने अपने कार्यकाल की महत्वपूर्ण फाइलें गायब कर दी है। यह 9 नस्तियां अभी तक उन्होंने रिलीव होने के बाद भी जमा नहीं की है, जिससे साडा में हडकंप मचा हुआ है और कर्मचारी परेशान है। यह नस्तियां दीपक दुबे, नीलम कपूर, अनिल सिंह चौहान, संविदा वेतनवृद्धि, व्यक्तिगत नस्ती गोपाल सिंह कुशवाह, एमपी पटेल सर्विस बुक, सुरेश शर्मा सर्विस बुक, यशवंत प्रजापति व सार्वजनिक सुविधा की नस्ती हैं। साडा के सीईओ प्रतुल्ल सिन्हा ने स्थापना शाखा की नस्तियों को तत्काल उपलब्ध कराने के लिये एनके शर्मा को पत्र भी लिखा है कि यह सब तत्काल व आपके पास इसके अतिरिक्त और भी नस्ती हो तो साडा को उपलब्ध कराए।
कार्रवाई करेंगे शर्मा पर
इस संदर्भ में इस प्रतिनिधि से बातचीत में साडा सीईओ प्रतुल्ल सिन्हा ने कहा कि वह एओ रहे एनके शर्मा पर कार्रवाई करेंगे। वहीं दूसरी ओर एक खबर यह भी है कि साडा सीईओ प्रतुल्ल सिन्हा ने जीडीए को पत्र लिखा है कि वह उसकी एलपीजी (लास्ट पे सर्टिफिकेट) जारी नहीं करें, ताकि गडबडी का निस्तारण न होने तक उनका वेतन आहरण न हो सकें।