भिण्ड 21नवम्बर:- जिले के ग्राम जखमोली में श्रीमद्भागवत कथा में दूसरे दिन आचार्य संतोष शास्त्री ने व्यास पीठ से ब्राह्मण आत्मदेव गोकर्ण धुंधकारी की कथा का बखान करते हुए महाभारत की युधिष्ठिर धर्मराज की राज्य स्थिति का वर्णन किया।
उन्होंने भगवान कृष्ण की द्वारका से गमन की कथाओं का भी वर्णन किया। संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा को सुनकर श्रोता झूमने लगे। बांके बिहारी कहीं छूट जाए, तुम्हारा सहारा… सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर थे। अगले चरण में राजा परीक्षित का जन्म हुआ और सुखदेव जी ने श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन किया। कलयुग के आगमन की कथा को भी विस्तार से वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि व्यास जी कहते हैं कि मानव जीवन में केवल हरि कीर्तन ही सर्वोपरि है, जिसके स्मरण मनन से कलयुग में मनुष्य का उद्धार हो जाता है, इसके अलावा मनोविकार को दूर करने वाला और कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि जुआ घर, शराब खाने, वैश्यालय और स्वर्ण में भी कलयुग का वास बताया गया है। इन सब से बचने का और कलयुग के प्रभाव का उपाय एक ही है कि आप नित्य प्रतिहरी भगवान का स्मरण चिंतन करें। कथा का समय 11 बजे से 4 बजे तक रखा गया है। आरती और प्रसाद वितरण के कथा विश्राम हुआ।
कथा में जरेरुआ सरकार पहुचे जखमौली
मंशापूर्ण हनुमान जी ग्राम जखमौली की भागवत कथा में डेढ़ सौ किलोमीटर दूर चलकर जरेरूआ सरकार श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर हरिदास जी महाराज ने श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया। उन्होंने कीर्तन और अपने प्रवचन के साथ लोगों को कहा कि हनुमान जी की प्रेरणा से कथा का श्रवण का आपको मिला है और यह आपका पुण्य का ही प्रताप है। महाराज के साथ और साधु संत भी कथा स्थल पर पहुंचे। इस अवसर पर परीक्षित राजकुमार दुबे ने उनका शाल श्रीफल से सम्मान कर अभिवादन किया।