जो किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पाए उसको सरकार में रहने का कोई हक नहीं : किसान सभा

भिण्ड, 21 अक्टूबर। मप्र किसान सभा द्वारा राईस मिल गोहद पर सभा आयोजित की गई। जिसको किसान सभा के राज्य महासचिव अखिलेश यादव, जिलाध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर, महासचिव राजेश शर्मा, डीवाईएफआई के राज्य महासचिव भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, जिला कार्यकारी महासचिव बीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, रसीद खान आदि ने संबोधित किया। सभा का संचालन हरगोबिन्द जाटव ने किया।
किसानों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है। इस सरकार को किसानों की चिंता नहीं, मप्र की खनिज संपदा अडाणी-अम्बानी को सौंपने की ज्यादा चिंता है। किसानों की तीन-तीन दिन से लाईनें लगी हैं। पहले से ही अति वर्षा की मार झेल रहा किसान खाद के लिए इसलिए भटक रहा है, क्योंकि सरसों की बोनी के लिए खेतों में नमी खत्म हो रही है। लेकिन सरकार और उसका प्रशासन कुंभकरण की निद्रा में सो रहा है। जिलाध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर ने कहा कि सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से खाद का संकट है। माहौर ने कहा कि विदेशों में चल रहे युद्ध से खाद का क्या संबंध हैं। ऐसे बचकाने, किसानों को गुमराह करने वाले बयान मंत्री जी को शोभा नहीं देते। यदि सरकार चलाना इनके बस का नहीं है तो मप्र की जनता इनको क्यों झेले, इनको खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए।

महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि किसानों को रकबे के हिसाब से खाद देना चाहिए। लेकिन भिण्ड कलेक्टर के निर्देश पर एक किसान को सिर्फ 10 बोरी खाद दिया जा रहा है, जो अपर्याप्त है। किसान नेता ने सरकार और उसके प्रशासन से पूछा कि 10 बोरी खाद सिर्फ नौ बीघा के लिए होता है। किसान तो 25, 30, 50 और इससे भी ज्यादा बीघा के होते हैं। सरकार की गाईड लाईन के अनुसार नौ बीघा से बाद की जमीन तो किसानों को बंजर छोडना पडेगी। सरकार के इस तुगलकी फरमान ने किसानों को बर्बादी के कगार पर खडा कर दिया। पिछले महीने अति बर्षा से भारी तबाही हुई।तिली, बाजरा,जबार, धान की फसलें नष्ट हुई। पशु धन मरा। लेकिन सरकार और उसके प्रशासन का मुआवजा देने का कोई मन नहीं है। तीन अक्टूबर को तेज आंधी और बारिश से बिरखडी सहित कई दर्जन गांवों में धान की पकी हुई फसल जमीन में गिरकर सड गई। सरकार और उसके प्रशासन ने मुआवजा तो दूर की बात है। कई गांवों में सर्वे दल तक नहीं पहुंचा।
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित होती जा रही है। इनके राज में समाज का हर वर्ग त्रस्त है। अब जनता का इनसे मोह भंग होने लगा है और इस सरकार के खिलाफ असंतोष बढता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब मौ तेहसील बन गई तो वहां खाद का सरकारी बिक्री केन्द्र क्यों नहीं है। वहां के किसान को 30-40 किमी दूर खाद लेने के लिए गोहद आना पडता है। उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल जरूरत के हिसाब से खाद उपलब्ध कराए एवं अतिवर्षा पीडित किसानों को मुआवजा दे। अन्यथा हमारे संगठन को आंदोलन तेज करना पडेगा। किसानों ने राईस मिल से रैली निकाली और गोहद एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व मुन्नालाल कुशवाह, नारायण माहौर, राकेश प्रजापति, शिवकुमार शर्मा, उमाशंकर कटारे, शोभा माहौर, बिमला कुशवाह, मंजू कुशवाहा, रवि राठौर, जगदीश शाक्य, पानसिंह चौहान आदि ने किया।