न्यायालय ने आरोपी पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया
सागर, 15 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/ प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश बीना, जिला सागर निर्मल मंडोरिया की अदालत ने नाबालिगा को भगा ले जाने और उसके दुष्कर्म करने वाले आरोपी दशरथ आदिवासी को दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा-3, सहपठित धारा-4(2) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर एक लाख रुपए दिलाए जाने का आदेश पारित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्यामसुंदर गुप्ता ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता की मां) ने थाना भानगढ में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाई कि 30 नवंबर 2019 को वह अपनी लडकी के यहां मिलने गई थी, तब एक दिसंबर को सुबह छह बजे पडोसी ने फोन पर बताया कि गत रात्रि नौ-दस बजे पीडिता घर से कहीं चली गई है, जो वापस नहीं आई। फरियादिया अपनी लडकी के यहां से घर आकर उसने मोहल्ले व रिश्तेदारी में पीडिता की तलाश की, जिसका कोई पता नहीं चला। तलाश करने पर अभियुक्त दशरथ आदिवासी भी एक दिसंबर के सुबह से अपने घर पर नहीं था। उसे संदहे है कि अभियुक्त दशरथ आदिवासी उसकी पुत्री को बहला-फुसलाकर कहीं भगाकर ले गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना भानगढ पुलिस ने धारा 363, 366,376(2)(एन), 376(3) भादंवि व पॉक्सो एक्ट की धारा 5ए/6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट)/ प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश बीना, जिला सागर निर्मल मंडोरिया के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।