नाबालिगा का पीछा करने एवं अश्लील मैसेज भेजने वाले आरोपी को पांच वर्ष का कारावास

सागर, 15 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिगा का बुरी नियत से पीछा करने एवं अश्लील मैसेज भेजने वाले आरोपी नरेश लडिया को दोषी करार देते हुए धारा 354ए(1)(आईआई), 354डी(1)(आई) भादंवि के तहत तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना, सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67 में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपए जुर्माना व धारा 67ए में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने छह सितंबर 2021 को थाना मकरोनिया में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आरोपी नरेश उसे करीब एक वर्ष से दोस्ती करने के मैसेज एवं आपत्तिजनक मैसेज लगातार करता था, तब उसने आरोपी का नंबर ब्लॉक कर दिया, फिर कुछ दिन बाद उसे आरोपी दूसरे नंबर से करीब एक वर्ष से मैसेज भेजता रहा। कई बार वह कोचिंग जाती थी तो उसे बुरी नियत से घूरता रहता था एवं कई बार पीछा किया। उसे आरोपी नरेश ने लगातार आपत्तिजनक टेक्सट मैसेज किए हैं, आरोपी नरेश उसे 16 जुलाई 2020 से वाट्सएप मैसेंजर पर आपत्तिजनक मैसेज कर रहा है एवं उसे बुरी नियत से देखते हुए उसके घर से पीछा करता है। घटना की जानकारी उसने अपने पिता को दी तो उन्होंने आरोपी को मैसेज करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना, तब उसने अपने माता-पिता व भाई को घटना की जानकारी दी व थाना पर रिपोर्ट दर्ज कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मकरोनिया पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354ए(1)(आईआई), 354डी(1)(आई), 201, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 11, सहपठित धारा 12 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67, धारा 67ए का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।