नाबालिगाओं से दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास

न्यायालय ने दोनों मामलों में आरोपियों पर पांच-पांच हजार कर जुर्माना भी लगाया

सागर, 30 दिसम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने के एक मामले में आरोपी रोहित पुत्र सोहन रजक निवासी थाना अंतर्गत रहली को दोषी करार देते हुए धारा 366 भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्हीए) में आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। वहीं दूसरे मामले में आरोपी रामस्वरूप पुत्र मोहन विश्वकर्मा निवासी थाना अंतर्गत बंडा को दोषी करार देते हुए धारा 376(3) भादंवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्हीए) में आजीवन सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने दोनों पीडि़ताओं को शासन से दो-दो लाख रुपए प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश पारित किया है। दोनों मामलों की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार पहले मामले में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका के मामा/ शिकायतकर्ता ने 15 अक्टूबर 2018 को थाना रहली में रिपोर्ट लेख कराई कि सावन के महीन में उसकी भांजी घर पर रहने आई थी, 14 अक्टूबर 2018 की रात खाना खाकर सो गई थी, रात दो बजे उसने उठकर देखा तो भांजी घर पर नहीं थी, उसकी आस-पास तलाश की लेकिन उसका काई पता नहीं चला। कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी भांजी को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। विवेचना के दौरान 22 अक्टूबर 2018 को बालिका के दस्याब होने पर उसने बताया कि अभियुक्त रोहित रजक उसे मोटर साइकिल पर बिठाकर भगाकर ले गया था और उसके साथ बुरा काम किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना रहली में धारा 366क, 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आईआई), 3(2)(व्हीए) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी पुत्र सोहन रजक को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।
वहीं दूसरे मामले में घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका के पिता/ शिकायर्ता ने 14 जून 2018 को चौकी शाहपुर में रिपोर्ट लेख कराई कि नौ जून 2018 को सुबह उसकी लड़की शौच के लिए गई थी जो वापस नहीं आई, जिसकी तलाश करने पर कोई पता नहीं चला, कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी लड़की को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। विवेचना के दौरान सात जनवरी 2019 को बालिका के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि अभियुक्त रामस्वरूप विश्वकर्मा उसे बहला फुसलाकर पूना भगाकर ले गया और वहां लगातार उसके साथ बुरा काम किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बंडा में धारा 376, 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्हीएए), 3(2)(व्हीए) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दए करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को रामस्वरूप पुत्र मोहन विश्वकर्मा को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।