न्यायालय ने आरोपीगण तत्कालीन दो सरपंचों, सचिव एवं उपयंत्री पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया
सागर, 30 दिसम्बर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश बीना, जिला सागर श्री हेमंत कुमार अग्रवाल की अदालत ने सीसी रोड निर्माण में गबन करने वाले सभी आरोपियों तत्कालीन सरपंच रामाधार चढ़ार एवं ग्यानबाई, सचिव रोहित कुर्मी, उपयंत्री प्रवीण असाटी निवासीगण थाना अंतर्गत भानगढ़ को दोषी करार देते हुए धारा 405, 420, 467, 468, 471 भादंवि के तहत 10-10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक/ वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्यामसुंदर गुप्ता ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि थाना भानगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बीना ने रिपोर्ट लेख कराई कि ग्राम पंचायत भानगढ़ में वर्ष 2009-10 में विधायक विकास निधि से सीसी रोड मनोज जैन के मकान से बहादुर सेन के मकान तक एक लाख 99 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार कार्य प्रारंभ करने हेतु चार अगस्त 2009 को प्रवीण असाटी उपयंत्री द्वारा ले-आउट प्रदान करने पर एक लाख प्रथम किस्त के रूप में रामाधार एवं रोहित कुर्मी को प्रदान किए गए, उसके पश्चात द्वितीय किस्त तत्कालीन सरंपच ग्यानबाई एवं रोहित कुर्मी को 75 हजार रुपए और अंतिम किस्त 24 हजार रुपए प्रदान किए गए। कार्य का मूल्यांकन उपयंत्री प्रवीण असाटी द्वारा किया गया। एक अखबार के माध्यम से उक्त कार्य नहीं होने की जानकारी अनुसार प्रकरण की जांच कराई गई, जिससे उक्त कार्य स्थल पर सीसी रोड निर्माण कार्य नहीं होना पाया गया, बाद में ज्ञानबाई सरपंच द्वारा एक लाख 99 हजार की राशि जमा कर दी गई। उक्त प्रकरण में कलेक्टर ने दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, उपरोक्तानुसार जांच में सीसी रोड निर्माण वर्ष 2009-2010 हेतु प्रदाय राशि एक लाख 99 हजार रुपए कार्य निर्माण ऐजेंसी द्वारा नहीं कराना पाया गया तथा आहरित कर फर्जी दस्तावेज बिल बाउचर आदि तैयार कर एक लाख 99 हजार रुपए का गबन किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना भानगढ़ में धारा 405, 420, 467, 468, 471 भादंसं का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय प्रथम अपर-सत्र न्यायाधीश बीना, जिला सागर श्री हेमंत कुमार अग्रवाल की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।