लिंग थाप विधिवत कर पूजा, शिव समान नहिं कोउ प्रिय दूजा

मेहगांव में चल रही रामलीला में हुआ अंगद-रावण संवाद

भिण्ड, 07 नवम्बर। श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज दंदरौआ सरकार की अध्यक्षता में मेहगांव में चल रही रामलीला में रविवार को विभीषण शरणागति की लीला का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष नाथूराम शर्मा चुरारिया ने भगवान राम की आरती के साथ किया।


लीला का शुभारंभ में रावण सभा में मंत्रियों से विचार करता हैं तो विभीषण सीता को वापस देने की बात कहता है, तब वह लात मारकर उसे दरवार से निकाल देता है। विभीषण राम के पास आता है तो राम उसे लंकेश बनाने का संकल्प लेकर राजतिलक करते हैं और समुद्र पर सेतु निर्माण होता है, तब राम रामेश्वर की स्थापना कर लंका की विजय की कामना करते हैं। राम मंत्रियों से परामर्श कर अंगद को रावण के पास संधि प्रस्ताव भेजते हैं। लंका पहुंचने के बाद अंगद रावण पुत्र का वध कर अपना परिचय देते हैं। समझाने के बाद भी रावण जब अंगद की बात नहीं समझता है तो वे गुस्से में भुजदण्ड को पृथ्वी पर पटकते हैं। पृथ्वी के हिलने से सभासद गिर जाते हैं तथा रावण का मुकुट जमीन पर गिर जाता है। अंगद के पैर को यौद्धा मेघनाद तथा स्वयं रावण भी नहीं हटा पाता है। अंगद लौटकर राम के पास आते हैं।