– ओबीसी आरक्षण पर स्पष्ट निर्णय लेने से बच रही है भाजपा सरकार : उमंग सिंघार
भोपाल, 26 अगस्त। मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंगलवार को संयुक्त पत्रकार वार्ता में भाजपा सरकार की नीतियों को उजागर किया।
प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने 6 वर्षों तक ओबीसी समाज के साथ खुला अन्याय किया है। कांग्रेस सरकार ने कमलनाथ के नेतृत्व में अध्यादेश और कानून बनाकर 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था, लेकिन भाजपा ने 2021 में परिपत्र और 2022 में आदेश जारी कर नियुक्तियों को रोक दिया। 87 प्रतिशत नियुक्तियां ही की गईं और 13 प्रतिशत बिना किसी कानूनी आधार के रोक दी गईं। इस नीति से एक लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रभावित हुए, हजारों उम्मीदवारों की नौकरियां अटकीं और कई ने आत्महत्या तक कर ली। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 100 करोड रुपए सिर्फ वकीलों पर खर्च किए आरक्षण रोकने के लिए। जबकि मीडिया में शिवराज सिंह और मोहन यादव कहते रहे कि वे आरक्षण के पक्षधर हैं। यदि सचमुच पक्ष में थे तो 2019 का कानून लागू करने से किसने रोका? अब स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि यह अन्याय क्यों हुआ। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा और आरएसएस ओबीसी समाज को उनका हक देने के खिलाफ हैं। कांग्रेस ने आरक्षण दिया था और कांग्रेस ही ओबीसी समाज का हक दिलाकर रहेगी।
सर्वदलीय बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए पटवारी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक के लिए केवल फोन आया है, लेकिन लिखित सूचना अभी तक नहीं आई है। लिखित में सूचना आएगी तो कांग्रेस पार्टी सम्मिलित होगी। कांग्रेस पार्टी तो पहले से ही पक्ष में है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। तो फिर मुख्यमंत्री किस बात की बैठक कर रहे हैं?
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार की दोहरी नीति को उजागर करते हुए कहा कि ओबीसी समाज को केवल छलावा और जुमले दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं जातिगत जनगणना को ‘अर्बन नक्सल’ कहकर भाजपा की मानसिकता जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा बुलाई गई 28 अगस्त की सर्वदलीय बैठक मात्र दिखावा है। अगर सरकार की नीयत साफ है तो तत्काल आदेश जारी कर 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट बार-बार सरकार से पूछ रहा है कि नियुक्तियां क्यों रोकी गईं, 4 जुलाई को कोर्ट ने पूछा कि 13 प्रतिशत नियुक्तियां क्यों होल्ड की गईं? 29 जून को पूछा कि 27 प्रतिशत आरक्षण क्यों लागू नहीं किया गया?
सिंघार ने कहा कि अन्य राज्यों में ओबीसी को अधिक आरक्षण मिला है- तमिलनाडु (50 प्रतिशत), केरल (40 प्रतिशत), कर्नाटक (32 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (29 प्रतिशत), तेलंगाना (42 प्रतिशत प्रस्तावित)। लेकिन मप्र में भाजपा ओबीसी समाज के हक को छीन रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। वोट चोरी की तरह अब नौकरियां भी चोरी हो रही हैं। कांग्रेस स्पष्ट रूप से मांग करती है कि 27 प्रतिशत आरक्षण तुरंत लागू किया जाए। सर्वदलीय बैठक जनता को गुमराह करने की साजिश है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुकेश नायक, वरिष्ठ नेता जेपी धनोपिया, महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल भी उपस्थित रहीं।