रेत कंपनी ठेकेदार से अमानत राशि जब्त कर सख्ती से जुर्माना वसूला जाए और एफआईआर दर्ज की जाए : डॉ. दुबे

भिण्ड, 29 अगस्त। भिण्ड में बदस्तूर जारी रेत के अवैध उत्खनन को तत्काल प्रभाव से रोकने एवं अवैध उत्खनन करने वाली रेत कंपनी के ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करने, रेत ठेकेदार की अमानत राशि जब्त करने एवं जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित किए गए जुर्माना राशि को वसूल करने के लिए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने कलेक्टर से फोन पर चर्चा कर अपर कलेक्टर को पत्र सौंपा।
डॉ. रमेश दुबे ने पत्र के माध्यम से कलेक्टर से कहा कि प्रशासन के द्वारा 21-22 जुलाई को सिंध नदी की पर्रायंच खदान से 76 ट्रक अवैध रूप से भरते हुए पकड़े गए, जिससे ये सिद्ध हुआ कि रेत कंपनी द्वारा अवैध उत्खनन कराया जा रहा था व लगभग 200 लोगों की जान जोखिम में डाल कर नदी में ट्रक मंगवाए। इसके पश्चात 26 जुलाई को रेत कंपनी के मालिक राघवेन्द्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया एवं खनिज निरीक्षक की उदासीनता देखते हुए निलंबित किया गया। उसके बाद एक अगस्त को रेत कंपनी मालिक राघवेन्द्र सिंह पर एक करोड़ छह लाख 87 हजार 500 रुपए का जुर्माना 15 दिवस के अंदर जमा करने का आदेश दिया, उसके बावजूद भी रेत कंपनी मालिक द्वारा जुर्माना न भरे जाने की स्थिति में जिला कलेक्टर भिण्ड द्वारा पुन: 26 अगस्त को आदेश जारी कर रेत कंपनी मालिक को दो करोड़ 13 लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना भरने हेतु आदेशित किया।
डॉ. दुबे ने कहा कि कलेक्टर द्वारा लगातार कारण बताओ नोटिस एवं जुर्माना भरने के लिए आदेश जारी करने के बाद भी राघवेन्द्र सिंह ने कोई जुर्माना राशि नहीं जमा कराई और ना ही कलेक्टर के आदेशों को गंभीरता से लिया। जिसकी बानगी ये है कि आज भी एनजीटी एवं सेसा के नियम प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए सिंध नदी पर अवैध उत्खनन खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार जारी है। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अवैध उत्खनन को लेकर बेहद संवेदनशील है और ऐसे में मुकम्मल कार्रवाई न होने की वजह से रेत कंपनी के गलत हौंसले बलवती हो रहे हैं, इसलिए निर्णायक कार्रवाई की जाए। रेत ठेकेदार राघवेन्द्र सिंह, गणपत सिंह एवं दिनेश सिंह पर एफआईआर दर्ज की जाए, रेत कंपनी की अमानत राशि जब्त की जाए तथा कलेक्टर द्वारा अधिरोपित जुर्माना पूरी सख्ती के साथ वसूला जाए, उस मामले में कोई कोताही न बरती जाए, ताकि जनता में ये स्पष्ट संदेश जाए कि प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर कार्य कर रही है।