हम फाउण्डेशन में मनाया शहादत दिवस
भिण्ड, 19 दिसम्बर। भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 के दिन फांसी दी गई थी। इस दिन को शहादत दिवस के रूप में हम फाउण्डेशन शाखा भिण्ड द्वारा अटेर क्षेत्र के ग्राम चीलोंगा आश्रम में एक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में तीनों महान क्रांतिकारियों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रृद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर चिलोंगा आश्रम के महंत श्रीश्री 1008 अवधूत हरिनिवास महाराज, हम फाउण्डेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. इकबाल अली, शाखा संरक्षक प्रो. रामानंद शर्मा, महेन्द्र चौधरी, शाखा अध्यक्ष शैलेश सक्सेना, उपाध्यक्ष आशा भदौरिया, योगेश शर्मा, विनीता सोनी, नीतू राजावत, विकास कुशवाह आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर चिलोंगा महाराज ने कहा कि शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हमारे भारत देश को आजादी दिलाने में ऐसे ही वीर क्रांतिकारियों ने अनेकों कुर्बानियां दी हैं, जिससे आज हम सब लोग आजादी महसूस कर रहे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो. इकबाल अली ने बताया कि नौ अगस्त 1925 को लखनऊ के पास काकोरी में रेल गाड़ी में ले जाए जा रहे खजाने की ऐतिहासिक लूट हुई थी, जिसे इतिहास में काकोरी कांड के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता महेन्द्र चौधरी ने बताया कि भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले तीनों महान स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया 19 दिसंबर के दिन इन तीनों क्रांतिकारियों को अलग-अलग जेलों में फांसी दी गई थी। शाखा संरक्षक प्रो. रामानंद शर्मा ने बताया कि आज देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह आजादी हमें यूं ही नहीं मिली, इसके लिए न जाने कितने क्रांतिकारियों ने फांसी के फंदे पर झूल कर हमारे भारत देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई।