जिले के समाजसेवियों द्वारा मीट मण्डी के विरोध में लंबे अरसे से जारी है आंदोलन, कई बार दे चुके हैं प्रशासन को ज्ञापन
भिण्ड, 22 जून। शहर में स्थित गौरी सरोवर को शहर का हृदय स्थल माना जाता है, अभी हाल ही में कुछ वर्ष पहले गौरी सरोवर पर राष्ट्रीय स्तर की केनोइंग कयाकिंग प्रतिस्पर्धा का आयोजन भी हुआ था, गौरी का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व भी जगजाहिर है, जिसकी इसकी प्राचीनता एवं पर्यटन दृष्टिकोण से महत्व सबसे अलग है। ऐसे में सरोवर के किनारे अवैध रूप से संचालित मीट मण्डी एवं मांसाहारी भोजनालयों को लेकर शहर के प्रबुद्ध समाजसेवियों में भारी रोष व्याप्त है। जिसकी वजह से कुछ दिनों से लगातार जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार ज्ञापन दिए जा रहे हैं, ताकि मीट मंडी को हटाकर अन्यत्र भेजा जाए।
इसी आंदोलन को कानून के दायरे में लाने के लिए जिले के युवा समाजसेवी राहुल भारद्वाज ने उच्च न्यायालय ग्वालियर में अधिवक्ता आरके जोशी के माध्यम से एक जनहित याचिका दाखिल की है, जिसके बारे में राहुल भारद्वाज ने बताया कि गौरी की स्वच्छता, सुंदरता तथा आध्यात्मिक एवं पर्यटन महत्व को लेकर मैंने उच्च न्यायालय ग्वालियर में जनहित याचिका लगाकर गुहार लगाई है, ताकि गौरी से मीट मंडी एवं मांसाहार भोजनालयों को हटाया जा सके।
एडवोकेट आरके जोशी ने बताया कि भिण्ड जिले के समाजसेवी राहुल भारद्वाज द्वारा एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में लगाई गई है, जिसमें मांस व्यापार के तमाम कानूनों जैसे कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में मांस व्यापार को लेकर 17 बिंदुओं ने अंतर्गत जो प्रावधान है, उसे मध्य प्रदेश में भी लागू किया जाए, स्लॉटर हाउस के लिए सुप्रीमकोर्ट एव मप्र उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया जाए, फूड एक्ट एवं पर्यावरण अधिनियम की अनदेखी न की जाए, मांसवध कारखाना अधिनियम का जो विधिसंगत नियम स्थापित हैं उनकी अव्हेलना न की जाए, बाजार से सटे क्षेत्र एवं खुले में मांस बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए, कांच एवं पर्दे की आड़ में मांस काटा और बेचा जाए, किसी भी जानवर को काटने से पहले चिकित्सीय डॉक्टर द्वारा परीक्षण किया जाए। उक्त बिंदुओं की पूर्ण अव्हेलना गौरी सरोवर किनारे संचालित मीट मंडी में हो रही है। एडवोकेट जोशी ने बताया कि उक्त जनहित याचिका उच्च न्यायालय में लगाई जा चुकी है, जल्द ही इस पर सुनवाई एवं बहस होगी।