गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन हमारी संस्कृति है : ज्योति बहिन

– गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन अभियान का शुभारंभ

भिण्ड, 04 नवम्बर। ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर, मालनपुर के समाजसेवा प्रभाग द्वारा चलाए जा रहे संगम-गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन अभियान का सोमवार को शुभारंभ किया।
इस अवसर पर संचालिका बीके ज्योति दीदी ने कहा कि बुजुर्गों के लिए सुख-सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है, उन्हें अपने बेटों-बेटियों, बहुओं और नाती-पोतों के आत्मीयता की आवश्यकता है। उनके हाथ में जब अपने बच्चों का हाथ स्पर्श करता है तो उसे किसी भौतिक सुख-सुविधाओं से नहीं मापा जा सकता है। दादा-दादी और नाना-नानी के साथ बच्चों का जो प्रेमपूर्ण, भावनात्मक संवाद होता है, इसकी कल्पना वही कर सकते हैं जो संयुक्त परिवार में जीते हैं। आज संयुक्त परिवारों का विघटन हो रहा है। ऐसे में हमें समाज की चेतना जागृत करने की जरूरत है। ऐसे अभियानों से लोगों में गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन जीने की प्रेरणा मिलेगी। ब्रह्माकुमारी संस्था केवल उपदेश नहीं देती है, लेकिन करके दिखाती है। गौरवपूर्ण वृद्धावस्था और सम्मानित जीवन हमारी संस्कृति है। संगम का अर्थ होता है- पीढिय़ों का मिलन। अनुभव और पीढिय़ों का मिलन। इस अभियान के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने समाज के सबसे संवेदनशील पहलू को न केवल स्पर्श किया है, बल्कि संवेदनशीलता के साथ वरिष्ठ नागरिकों को जोडऩे का कार्य किया यह अपने आप में बहुत बड़ा उदाहरण है। अभियान को लेकर हमारे विभाग द्वारा ब्रह्माकुमारीज़ के साथ एमओयू साइन किया गया है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा समाज के सभी वर्ग के लिए अनेक कल्याणकारी कार्य किए जा रहे हैं।
मालनपुर नगर परिषद के सीएमओ रिहान अली ने कहा कि घर के बड़े-बुजुर्ग अपना समय ज्यादा से ज्यादा ईश्वर की याद में लगाएं इससे पूरे परिवार को छत्रछाया मिलती रहेगी और जीवन सुखमय बन जाएगा। बीके नीलम दीदी टेकनपुर ने कहा कि हमारी दादियों ने जीवन के अंत समय तक सेवा की। ब्रह्मा बाबा ने जीवन की अंतिम घडिय़ों तक ज्ञान सुनाया। बाबा 93 उम्र की आयु में भी सीधे बैठकर मेडिटेशन करते थे। जीवन को समाजसेवा में लगाएं और देेने का भाव रखेंगे, तो कभी बुजुर्ग नहीं होंगे। पोरसा संचालिका बीके रेखा दीदी ने कहा कि गौरवपूर्ण वृद्धावस्था को स्वीकार करने के लिए जरूरी है कि हम सभी को प्यार दें, आशीर्वाद और दुआ दें।

भोपाल से पधारे राजयोगी परमानंद भाई ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने 60 वर्ष की आयु में परमात्मा के आदेशानुसार इस विश्व विद्यालय की नींव रखी। नई शुरुआत करने के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है। रिटायर बैंक डायरेक्टर यादराम कुशवाहा एवं पत्रकार गुलशन तथा कोचिंग टीचर राहुल ने भी अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में आए हुए सभी बुजुर्गों का स्वागत तिलक और पट्टा पहनाकर सम्मान भी किया गया। देशभर में की गई समाज की वर्तमान स्थिति का दर्शाता नाटक पेश किया गया, जिसे देख सभी भाव विभोर हो गए। बीके खुशबू दीदी ने स्वागत भाषण दिया। बीके नम्रता दीदी ने राजयोग मेडिटेशन से सभी को शांति की गहन अनुभूति कराई। कन्याओं ने स्वागत गीत और नृत्य प्रस्तुत किया।