कुल्हाडी मारकर हत्या करने वाले चार भाईयों को आजीवन कारावास

रायसेन, 27 जुलाई। विशेष न्यायाधीश, अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम रायसेन अरविन्द रघुवंशी की अदालत ने कुल्हाडी मारकर हत्या करने वाले आरोपीगण रामक्रेश गुर्जर उम्र 40 वर्ष, लक्ष्मीनारायण गुर्जर उम्र 42 वर्ष, गुड्डा उर्फ रघुवीर गुर्जर उम्र 27 वर्ष, बनिया उर्फ दीवान गुर्जर उम्र 35 वर्ष पुत्रगण रतिराम गुर्जर निवासी टीलाकलां, थाना देवनगर, तहसील गैरतगंज, जिला रायसेन को भादंसं की धारा 302 एवं एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(1) में आजीवन कारावास व 500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। उक्त मामला जघन्य एवं सनसनीखेज सूची का होकर चिन्हित था। इस मामले में विधिक अभिमत सहायक निदेशक अभियोजन रायसेन अनिल कुमार मिश्रा ने दिया एवं मप्र शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक रायसेन धनीराम विश्वकर्मा ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 19 दिसंबर 2020 को फरियादी इमरत सिंह अहिरवार ने आरक्षी केन्द्र देवनगर में इस आशय की देहाती नालसी लिखवाई थी कि उक्त दिनांक को सुबह 8 बजे उसका लडका वीरसिंह अपनी मोटर साइकिल से खेत पर जा रहा था, तभी पडोस में रहने वाले रामक्रेश, लक्ष्मी नारायण, गुड्डा व बनिया गुर्जर चारों भाईयों ने उसकी मोटर साइकिल को अपने घर के सामने रोक कर गालियां दी और वीरसिंह को मोटर साईकिल से नीचे पटक कर धारदार कुल्हाडियों से जान से मारने की नियत से हमला किया, चारों भाईयों ने वीरसिंह को कुल्हाडियों से दोनों पैर, दोनों हाथ, पीठ, छाती व मुंह में चोट पहुंचाई। वीरसिंह खून खच्चर होकर घर वालों को बचाने के लिए चिल्लाता रहा। गांव के ही वीरेन्द्र और बलीकरण गुर्जर बचाने आए तो वीरेन्द्र को भी रामक्रेश ने कुल्हाडी से सिर में जानलेवा हमला कर दिया, बहुत देर तक उसका लडका वीरसिंह घर वालों को बचाने के लिए आवाज देता रहा, लेकिन चारों भाई कुल्हाडी लेकर कहते रहे कि तुममें से कोई भी इसे बचाने आया तो जान से मार देंगे। उसका और इन चारों का घर आस-पडौस में है। आए दिन बागड की बात पर से चारों भाई गाली गुफ्तार करते रहते हैं। इसी बात पर से उसके लडके वीरसिंह के साथ चारों ने कुल्हाडियों से जानलेवा हमला किया और गांव के वीरेन्द्र गुर्जर को बीच बचाव में सिर में कुल्हाडी मारी है। उसके लडके वीरसिंह को चारों मरा छोड गए थे, फिर घर वाले व चौकीदार वीरसिंह को उठाकर घर लाए थे। उक्त देहाती नालसी के आधार पर आरक्षी केन्द्र देवनगर में अपराध क्र.234/2020 अंतर्गत धारा 294, 341, 307, 34 एवं एससी/एसटी अधिनियम की धारा 3(1)(आर), 3(1)(एस), 3(2)(1) की एफआईआर लेखबद्ध की गई। घटना दिनांक को ही घायल वीरसिंह अहिरवार की हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो जाने से प्रकरण में धारा 302 भादंसं का इजाफा किया गया। विवेचना के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर पंचनामा बनाया गया। आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत न्यायालय ने अभियोजन की समस्ता दलीलों एवं साक्ष्यों को सुनते हुए आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।