विहसंत सागर महाराज ससंघ का भक्तिमय मंगल प्रवेश शनिवार को

– जैन समाज के साथ विधायक नरेन्द्र सिंह करेंगे मुनिराज की अगवानी

भिण्ड, 11 जुलाई। मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज, मुनि विश्वसाम्य सागर महाराज ससंघ का मंगल प्रवेश 12 जुलाई शनिवार को सुबह सात बजे अटेर रोड बेटी बचाओ चौराहे से होने जा रहा है। जो पुस्तक बाजार, बताशा बाजार, फ्री गंज, गोल मार्केट, सदर बाजार होते हुए हाउसिंग कॉलोनी स्थित बद्रीप्रसाद की बगिया पहुंचेंगे। मुनिराज के स्वागत के लिए विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह सकल जैन समाज के साथ मुनि संघ की अगवानी करेंगे।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पार्षद मनोज जैन ने बताया कि मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज नगर में 20 वर्ष के बाद चातुर्मास करने आ रहे हैं। जिसमें समाधि सम्राट गणाचार्य विराग सागर महाराज के सपनों को साकार करने के लिए सम्यक ज्ञान विराग विद्यापीठ स्कूल को आदि आधुनिक बनाएंगे, जिसमें उन्होंने कई योजनाओं को मन में संझायो है उसे इस चातुर्मास में पूर्ण करेंगे। विहसंत सागर महाराज ने इस वर्ष के पावन वर्षा योग का नाम आकर्षणमय पावन वर्षा योग रखा है, जिसमें यह खूबी रही है कि सामान्य रूप से मंच पर कलशों की बोली नहीं लगाई जाएगी, भक्तों द्वारा स्वयं ही कलशों को लिया गया है।
मनोज जैन ने बताया कि मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ने सन 2005 में क्षुल्लक अवस्था में बताशा बाजार स्थित चैत्यालय जैन मन्दिर में चातुर्मास किया था एवं सन 2019 में भगवान महावीर स्वामी की सामोशरण स्थली जहां पर आज तक किसी संत ने चातुर्मास नहीं किया वहां पर मुनिराज ने चातुर्मास कर बरासों तीर्थ का जीर्णोद्धार कर महातीर्थ बना दिया। मुनिराज ने 10 वर्षा योग उत्तर प्रदेश एवं 5 वर्षा योग दिल्ली, 6 वर्षा योग मध्य प्रदेश एवं 2 वर्षायोग छत्तीसगढ़, एक वर्षायोग हरियाणा और 2025 का वर्षा योग भिण्ड नगर को दिया है। जैन ने बताया कि विहसंत सागर महाराज ने 72 मन्दिरों का जीर्णोद्धार, 50 पंचकल्याणक, 373 वेदी प्रतिष्ठा, 81 शिखर एवं 680 शिखर कलशारोहण, 44 नवीन जैन मन्दिर, 8 चौबीसी मानस्तंभ कीर्तिस्तंभ, 50 संत भवन, 55 सिद्धचक्र महामण्डल विधान, 8 हॉस्पिटल, 7 जैन स्कूल, 3 भोजन शाला एवं 25 वर्ष में 83 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं। आहार में 72 चीजों का आजीवन त्याग किया है, जिसमें विशेष रूप से तेल, दही मीठा और मीठी चीजों का आजीवन त्याग है। खास बात यह रही है कि जिस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया वहां एक चीज का त्याग किया, संकल्प के साथ जीर्णोद्धार पूर्ण होने पर आजीवन त्याग कर दिया। वचन में सरस्वती का वास रहा है, क्योंकि जो सोचा बोला 99 प्रतिशत पूरा हुआ है, वर्षा योग के दौरान 50 से ज्यादा उपवास एवं चार समय अध्ययन एवं स्वाध्याय करते हैं एवं बरासों वाले बाबा पर अपार श्रद्धा है। ऐसे संत महाराज का नगर में आगमन 12 जुलाई को होने जा रहा है एवं 13 जुलाई को कलश स्थापना कार्यक्रम होगा।