मैं भी युद्ध विराम कर रहा हूं बेटा

पिता का स्मरण करते हुए बेटे से बतरस
– राकेश अचल

बेहद मुश्किल काम कर रहा हूं बेटा
मैं खुद को नीलाम कर रहा हूं बेटा

देखें कितना दाम लगाती है दुनिया
सब कुछ इसके नाम कर रहा हूं बेटा

मेरी कीमत क्या है, मुझको पता नहीं
कोशिश रोज तमाम कर रहा हूं बेटा

दाम लगाने वाले ढेरों हैं फिर भी
मोल भाव निशियाम कर रहा हूं बेटा

दुनिया भर के कर्ज पटाना हैं मुझको
गुणा भाग अविराम कर रहा हूं बेटा

मेरे बाद न कुर्की हो मेरे घर की
मै भी युद्ध विराम कर रहा हूं बेटा