नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु दिया प्रशिक्षण

– प्रशिक्षण में ग्वालियर जिले के प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर के लगभग 200 विवेचक हुए शामिल

ग्वालियर, 29 अप्रैल। गृह मंत्रालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय भोपाल के आदेशानुसार ग्वालियर जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के मार्गदर्शन में नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के विवेचकों के लिए मंगलवार से त्रि-दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन बाल भवन ऑडिटोरियम ग्वालियर में प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण सत्र का विधिवत उदघाटन पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोनŸ अरविंद सक्सेना एवं उप पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज अमित सांघी ने मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी एएसपी गजेन्द्र सिंह वर्धमान ने पुलिस महानिरीक्षक एवं एएसपी निरंजन शर्मा ने उप पुलिस महानिरीक्षक का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। मंच संचालन सीएसपी विश्वविद्यालय हिना खान ने कियाग और प्रशिक्षण की रूपरेखा से उपस्थित प्रतिभागियों को अवगत कराया। उक्त त्रि दिवसीय प्रश्क्षिण 30 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा नवीन कानून में होने वाले परिवर्तनों एवं नवीन आपराधिक अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण में पुलिस महानिरीक्षक अरविन्द सक्सेना ने कहा कि नए कानून के संबंध में पूर्व से प्रशिक्षण होते आ रहे हैं, परंतु यह प्रशिक्षण पहले से हुए प्रशिक्षणों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी मॉनिटरिंग मप्र शासन द्वारा की जा रही है और इसकी शुरुआत औपचारिक रूप से ग्वालियर जिले से की जा रही है, इसलिए यह प्रशिक्षण अनुसंधान के लिए लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाले इन अधिनियमों को लागू हुए लगभग 10 माह पूर्ण हो चुके हैं, इसलिए अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों को नवीन कानून को गहराई से समझ कर अमल में लाना है। यह प्रशिक्षण पुलिस के अनुसंधान एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों के लिए काफी लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि किस प्रकार गंभीर अपराध के मामलों में घटना स्थल का निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा घटना स्थल से किस प्रकार के साक्ष्य एकत्रित करके एफएसएल जांच के लिए भेजे जाने चाहिए, इस पूरी प्रक्रिया को आप इस प्रशिक्षण के माध्यम से सीखेंगे। यह प्रशिक्षण आपको एक बेहतर विवेचक के रूप में तैयार करेगा और इसके क्रियान्वयन से आप अपनी विवेचना को और भी बेहतर कर पाएंगे।


प्रशिक्षण सत्र में उप पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज अमित सांघी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक जुलाई 2024 से हमारे तीन नए कानून आए हैं, जिनके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इसकी महत्वता को समझें और इसका लाभ लें। उन्होंने कहा कि नए कानून बीएनएस में कुछ धाराओं का विलोपन किया गया है और साथ ही कुछ नई धाराओं को जोडा भी गया है। हमें इस प्रशिक्षण के दौरान इन नई धाराओं का उपयोग कब और कहां किस प्रकार करना है उसके संबंध में जानना है। डीआईजी ने उपस्थित विवचकों से कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, इसलिए विवेचना के दौरान आने वाली कठिनाइयों को भार नहीं समझना है, बल्कि उसे चुनौती पूर्वक लेकर उसका सामना करें, ताकि आप अपना कार्य अच्छे से कर पाएंगे। उन्होंने अंत में उपस्थित पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों से कहा कि मुझे आशा है कि आप इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर अपनी विवेचना में और गुणवत्ता लेकर आएंगे।
त्रिदिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में सीसीटीएनएस से प्रशिक्षण देने आए प्रधान आरक्षक संजय बनवारिया एवं सोमेन्द्र सिंह ने ई-एफआईआर एवं जीरो एफआईआर सीसीटीएनएस पर किस प्रकार की जानी चाहिए, उसके संबंध में बताया तथा प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में प्रभारी एफएसएल ग्वालियर डॉ. अखिलेश भार्गव एवं डॉ. विनोद डींगरा ने घटना स्थल का निरीक्षण एवं घटना स्थल से साक्ष्य संकलन एवं प्रारंभिक जांच में एफएसएफ की भूमिका के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में प्रधान आरक्षक से निरीक्षक स्तर के लगभग 200 प्रतिभागी उपस्थित हुए। यह प्रशिक्षण 30 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारी नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 से अवगत हो सकें।