भिण्ड, 21 अप्रैल। सीटू ने श्रम पदाधिकारी मालनपुर के माध्यम से श्रम आयुक्त मप्र शासन इंदौर के नाम ज्ञापन दिया। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा, लायकराम कुशवाहा, श्रीलाल माहौर, नारायण शर्मा, लक्ष्मण सिंह कुशवाहा, कमलेश माहौर, नजूल खां, वीरेन्द्र सिंह, रामदास आदि मौजूद थे।
ज्ञापन में सीटू के जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत पांच वर्ष में न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के प्रावधान का पालन मप्र सरकार ने नहीं किया, नवंबर 2019 से यह पुनरीक्षण किया गया लेकिन इसके हितलाभ एक अप्रैल 2024 से दिए गए, इससे श्रमिकों को भारी क्षति पहुंचाई गई। इसी के साथ यह भी सर्वविदित है कि एक अप्रैल 2024 से प्रभावशील इन पुनरीक्षित दरों को कानूनी लडाई में उलझा दिया गया, जिसका निराकरण मप्र उच्च न्यायालय के इंदौर खण्डपीठ में 10 फरवरी 2025 की अंतिम सुनवाई के बाद 21 फरवरी को घोषित निर्णय के जरिए हुआ।
आपके कार्यालय से 28 फरवरी 2025 को जारी परिपत्र से समूचे मप्र में ए अप्रैल 2024 से पुनरीक्षित वेतन प्रभावशील हो गया। यह स्पष्ट है कि मार्च 2025 का वेतन, जिसका भुगतान अप्रैल 2025 में हुआ, बढी दरों के साथ होने के साथ एक अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक एरियर्स का भुगतान होना था। मप्र के बडे हिस्से में बढी हुई दरों से वेतन भुगतान तो हुआ है लेकिन एरियर्स का भुगतान नहीं हुआ। स्पष्ट है कि न्यूनतम वेतन कानून के दायरे में आने वाले लाखों श्रमिक, ठेका, आउटसोर्सिंग कर्मियों को वैधानिक रूप से देय राशि को हडपा जा रहा है। यहां यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि जहां-जहां श्रमिक, ठेका, श्रमिक, आउटसोर्सिंग कर्मी बढी हुई दरों से एरियर्स के भुगतान की मांग अपने-अपने नियोजकों से कर रहे हैं, वहां उन्हें न सिर्फ प्रताडित किया जा रहा है, बल्कि कई जगह तो उन्हें नौकरी से भी निकाला जा रहा है। ऐसी स्थिति में न सिर्फ आपके प्रभावी हस्तक्षेप की जरूरत है, बल्कि एरियर्स के भुगतान हेतु प्रभावी कदम उठाने की भी जरूरत है।
इसलिए ज्ञापन के माध्यम से मांग की जाती है कि एक अप्रैल 2024 से बढी दरों से वेतन के एरियर्स के भुगतान हेतु श्रम विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाए। इस संबंध में श्रम विभाग की ओर से कोई हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाए, जहां एरियर्स के भुगतान न होने की स्थिति में शिकायत दर्ज हो सके। इस हेतु श्रम विभाग के मैदानी अमले के लिए एक विशेष परिपत्र भी जारी किया जाए, जिसकी प्रति सभी केन्द्रीय श्रमिक संगठनों को भी दी जाए। तीन नए नियोजन जनवरी 2025 में बने हैं। यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 के आधार पर पांच वर्ष के लिए (अक्टूबर 2024 तक) हुआ। इस अवधि में टेक्स्टाइल संबंधी नियोजन पुराने अधिसूचित नियोजनों में शामिल थे। इसलिए इन नियोजनों में भी बढी दरों के एरियर्स सहित विधिसम्मत भुगतान हेतु श्रम विभाग समुचित कदम उठाए। चूंकि यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 से देय था अत: नवंबर 2019 से मार्च 2024 तक के एरियर्स के भुगतान के लिए भी समुचित प्रक्रिया चलाई जाए। चूंकि अक्टूबर 2024 में पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो गए, इसलिए नए पुनरीक्षण की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाए। इस पुनरीक्षण हेतु यह भी स्पष्ट निर्णय किया जाए कि जब भी पुनरीक्षण प्रक्रिया संपन्न हो, लेकिन भुगतान उसी दिनांक से हो, जिस दिनांक को पुनरीक्षण की अवधि (यानी पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो) प्रारंभ हो जाती है। हमें विश्वास है कि लाखों श्रमिकों व कर्मियों को वैधानिक रूप से देय एरियर्स तथा बढी दरों से भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु सक्षम कार्रवाई करेंगे। इस समय श्रमिकों-कर्मियों में भारी असंतोष बढ रहा है, अगर कोई भी औद्योगिक अशांति हुई तो औद्योगिक जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश के नियोजक वर्ग व श्रम विभाग की होगी।