समता, बंधुत्व और न्याय के पुरोधा थे बाबा साहेब : प्रो. अली

-मेहगांव कॉलेज में डॉ. अम्बेडकर की जयंती के उपलक्ष में व्याख्यान माला आयोजित

भिण्ड, 18 अप्रैल। बाबा साहब के बारे में जितना भी कहा जाए उतना कम है, उनके लिए कोई एक घण्टे या एक दिन की व्याख्यान माला पर्याप्त नहीं है, बल्कि वह अपने आप में इतना विस्तृत किरदार हैं कि आगे आने वाली पीढी भी सदैव उनसे प्रेरणा लेती रहेगी। यह बात बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में मेहगांव स्थित शा. महाविद्यालय में मप्र जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित व्याख्यान माला में भाजपा मण्डल अध्यक्ष नीरज शर्मा ने कही। कार्यक्रम का संचालन और आभार विकास खण्ड समन्वयक जयप्रकाश शर्मा ने किया।
उन्होंने कहा कि हम सबको बिना किसी वैमनस्यता, भेदभाव के अच्छे कार्यों में संलग्न रहना चाहिए। आगे आने वाली पीढी भी सदैव उनसे प्रेरणा लेती रहेगी। हमें उनके आदर्शों पर चलकर उनके बताए गए समाज का निर्माण करना है तभी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अभी हमें मानसिक रूप से भी समृद्ध होना होगा तभी बाबा साहब की प्रासंगिकता साकार हो सकेगी। परिषद के जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि शिक्षित वह है जिसमें समाज के प्रति संवेदना का भाव हो, बाबा साहब ऐसे ही संवेदनशील महापुरुष थे। वह ऐसे विचारक थे जिनसे हमें सकारात्मक प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि वे किसी एक वर्ग के व्यक्ति नहीं थे, उन्होंने सदैव समाज की कुरीतियों के विरुद्ध खडे रहे और जरूरतमंदों की सदा मदद की।
बतौर मुख्य वक्ता प्रो. इकबाल अली ने कहा कि क्षमता बंधुता और न्याय के सही मायने में यदि कोई पुरोधा था, तो बाबा साहब थे। उन्होंने जो कानून बनाए वह किसी जाति वर्ग या धर्म को देखकर नहीं बल्कि समग्र को दृष्टि में रखते हुए बनाए। उनके जो भी कार्य रहे हैं वह राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली करने के रहे हैं। विकास खण्ड समन्वयक जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि बाबा साहेब ने सर्वहित और सर्वसमाज के हित की बात की। आज बाबा साहब के मूल्यों और आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है।
अरबिन्द सिंह भदौरिया ने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर समतामूलक समाज के प्रबल पक्षधर थे उनके कृतित्व आज भी प्रासंगिक एवं अनुकरणीय है। वह महान मानवतावादी चिंतक थे। समाजसेवी कालीचरण शाक्य ने कहा कई महापुरुषों ने अच्छे कार्य किए हैं जिनसे समाज को एक विचार भी मिला है। उनके इन्हीं विचारों और कार्यों से नई पीढी को सीख मिलती है। इस अवसर पर महाविद्यालय के व्याख्याता सुनील बंसल, आलोक कुमार मिश्रा, नवांकुर संस्था के प्रतिनिधि श्यामसुंदर त्यागी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मेंटर्स, छात्र और अन्य समाजसेवी उपस्थित थे।