प्रसूति वार्ड में भरा धुआं, खिडकियां तोडकर 56 महिलाओं और नवजातों को निकाला
ग्वालियर, 16 मार्च। ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में एयर कंडीशनर फटने से आग लग गई। हादसा स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के लेबर रूम में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात करीब डेढ बजे हुआ। लेबर रूम से सटे प्रसूति वार्ड में भी धुआं भर गया। आनन-फानन में खिडकियां तोडकर 56 महिला मरीजों को वार्ड से सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। सभी सुरक्षित हैं।मरीजों की शिफ्टिंग का काम रविवार सुबह 4 बजे तक चलता रहा। सूचना मिलते ही कलेक्टर रुचिका चौहान भी मौके पर पहुंची। कमला राजा अस्पताल ग्वालियर संभाग के सबसे बडे जयारोग्य अस्पताल समूह का हिस्सा है।
लेबर रूम में 16, वार्ड में 50 महिलाएं थीं भर्ती
अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों के परिजन के मुताबिक बीती रात ग्वालियर का तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में कमलाराजा अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती 16 मरीज और उनके नवजातों के लिए एसी चल रहे थे। अचानक एक एसी में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। लेबर रूम से सटे वार्ड में 50 महिलाएं डिलीवरी के लिए भर्ती थीं। बगल में ही बने पीडियाट्रिक वार्ड में भी कुछ बच्चे भर्ती थे। एक अटेंडर ने बताया कि कुछ समझ पाते, उससे पहले ही धुएं से दम घुटने लगा। हम मरीजों और नवजात बच्चों को लेकर बाहर की तरफ भागे। अस्पताल के वार्डबॉय, सिक्योरिटी गार्ड के साथ मिलकर वार्ड की खिडकियों को तोडकर मरीजों को बाहर निकाला गया।
खिडकी तोडने की कोशिश में लगी चोट
चश्मदीद अरविंद सिंह रावत ने बताया िहम सो रहे थे। अचानक लोगों के चिल्लाने की आवाज आई तो नींद खुल गई। देखा कि लेबर रूम में आग लगी है। हमने अस्पताल के स्टाफ के साथ मिलकर मरीजों को बाहर निकाला। खिडकी तोडने की कोशिश में कुछ लोगों के हाथ में आग भी लग गई। भगवान का शुक्र है कि सभी सही-सलामत हैं।
आगजनी की घटना की जांच के कलेक्टर ने दिए आदेश
ग्वालियर में शनिवार की देर रात कमलाराजा अस्पताल में आगजनी की घटना हुई। कलेक्टर रुचिका चौहान एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्परता से मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। इसके साथ ही मरीजों को अन्य वार्ड में सुरक्षित शिफ्ट भी किया। अग्नि दुर्घटना से कोई जनहानि नहीं हुई है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने अग्नि दुर्घटना की जांच के लिए जांच दल गठित कर जांच के बिंदु निर्धारित किए हैं। जांच दल पांच दिवस में घटना की संपूर्ण जांच का प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में जिन अधिकारियों को जांच दल में रखा गया है, उनमें एसडीएम झांसी रोड विनोद सिंह, सीएसपी इंदरगंज रॉबिन जैन, अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल डॉ. सुधीर सक्सेना, सीएमएचओ डॉ. सचिन श्रीवास्तव, उपायुक्त एवं फायर ऑफीसर नगर निगम अतिबल सिंह यादव, कार्यपालन यंत्री ईएण्डएम लोक निर्माण विभाग आयुषि सचान व असिस्टेंट इंजीनियर विद्युत सुरक्षा आरएस वैश्य शामिल हैं।
कलेक्टर चौहान ने घटना की जांच के लिए निम्न बिंदु निर्धारित किए हैं। इनमें आगजनी की मूल घटना का कारण एवं आगजनी सर्वप्रथम कहां से प्रारंभ हुई, आगजनी की घटना से कितनी शासकीय-अशासकीय संपत्ति प्रभावित हुई, हॉस्पिटल में फायर फाइटिंग सिस्टम एवं उससे संबंधित उपकरणों की व्यवस्था थी अथवा नहीं, क्या स्टाफ फायर फाइटिंग के लिए प्रशिक्षित है, हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा विद्युत सुरक्षा संबंधी प्रमाण-पत्र सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त किया था एवं विद्युत सुरक्षा संबंधी इंतजाम किए गए थे या नहीं, आगजनी में हुए प्रभावित नुकसान की जानकारी एवं आगजनी की घटना के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, इन बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।